Tuesday, November 8, 2016

पी एम पद की दौड़ मे मोदी किस नंबर पर ?

आजकल टेलीविजन पर "कौन बनेगा प्रधानमंत्री ?" नाम से खूब कार्यक्रम दिखाये जा रहे हैं-ठीक भी है जब लोकसभा चुनाव सर पर हों और हर ऐरे गैरे नत्थू खैरे को पी एम बनने के सपने दिन दहाड़े आ रहे हों,तो इस तरह के प्रोग्राम अगर टेलेविजन पर 24 घंटे भी दिखाये जाएं, तो उसमे मेरे हिसाब से कोई हर्ज़ नही है ! जनता को यह जानने का पूरा हक है कि उनके देश का प्रधानमंत्री कैसा और किस पार्टी से होना चाहिये ! पिछले लगभग 66 सालों से हमारे देश मे "सेकुलरिज्म" के नाम पर जो देश विरोधी और जन विरोधी माहौल बनाया जा रहा है और जिसका मीडिया अपनी पूरी जी जान से मेहनत लगा लगाकर प्रचार कर रहा है, उसके चलते आम राय यही बन रही है कि हमारा देश एक धर्म निरपेक्ष देश है और उसका प्रधानमंत्री भी किसी बहुत बड़े "धर्मनिरपेक्ष" नेता (मीडिया की जुबान मे "सेक्युलर" नेता) को बनना चाहिये !

अब हमारे यहाँ कौन कौन से नेता ऐसे हैं जो इस "सेकुलरिज्म" की कसौटी पर पूरी तरह से खरे उतरते है, उनकी लिस्ट पर भी गौर कर लिया जाये :

1. सभी मोर्चों पर बुरी तरह मार खाकर पिछड़ रहे राहुल गाँधी इस कसौटी पर पूरी तरह खरे उतरते हैं और उन्हे 100 मे से 100 अंक दिये जा सकते है- इनकी पार्टी मे ऐसे ऐसे दिग्गज नेता रह चुके है जिन्होने देश की आन बान शान की रक्षा के लिये श्री हाफ़िज़ सईद और श्री ओसामा बिन लादेन जी जैसे देशभक्तों की शान मे कभी कोई गुस्ताखी नही की- इनकी सरकार के गृह मंत्री पहले ही इस तरह के आदेश जारी कर चुके हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय के किसी भी निर्दोष व्यक्ति को गिरफ्तार ना किया जाये( जैसे कि कोई निर्दोष है या दोषी इसका फैसला करना अदालत का नही,पुलिस का काम है) -लिहाज़ा कांग्रेस पार्टी का "सेकुलरिज्म" के मामले मे बड़ा ही गौरवशाली इतिहास रहा है और इसलिये इनकी पार्टी के राहुल गाँधी जी पी एम बनने के लिये सबसे प्रबल"सेक्युलर" दावेदार हैं.

2.दिल्ली मे 49 दिनो मे सरकार चलाकर प़ूरे देश की जनता को भ्रष्टाचार से पूरी तरह निज़ात दिलाने वाले अरविन्द केजरीवाल इस दौड़ मे दूसरे नंबर पर आते है! केजरीवाल जी यह समझते हैं कि शीला दीक्षित के गवर्नर बनने के साथ ही भ्रष्टाचार इस देश से पूरी तरह समाप्त हो चुका है- इसलिये उन्होने भी अब अपने आपको पूरी तरह से "सेक्युलर" घोषित कर दिया है- इस कोशिश मे कि "सेकुलरिज्म" मे उन्हे किसी दूसरे नेता से कम करके न आंक लिया जाये उन्होने बहुत सारे "सेक्युलर" लोगों की अपनी पार्टी मे भरती कर डाली है-अभी हाल ही मे मेरठ की एक यूनिवर्सिटी मे 67 देशद्रोहियों के खुलकर समर्थन मे आने के बाद उन्होने यह भी साबित कर दिया कि "सेकुलरिज्म" के मामले मे वे उमर अब्दुल्ला और मुलायम सिंह यादव से बिल्कुल भी पीछे नही है, बल्कि दो कदम आगे ही हैं- "मोदी" का 24 घंटे किया जाने वाला विरोध करना उनकी अतिरिक्त योग्यता ही समझी जानी चाहिये

3. इन दोनो के अलावा जो और "सेक्युलर" उम्मीदवार पी एम बनने की दौड़ मे शामिल हैं, उनमे जेल मे चक्की पीस कर कुछ दिनो के लिये बाहर आये लल्लू यादव,मुलायम सिंह,मायावती,ममता और नीतीश जैसे बड़े नेताओं के नाम शामिल हैं ! इन्होने "सेकुलरिज्म" के क्षेत्र मे जो योगदान दिया है उसके बारे मे कुछ भी कहना सूरज को दिया दिखाने जैसा ही है !

राष्ट्रवादी सोच और विचारधारा वाले मोदी जैसे नेता जो यह चाहते हों कि देश का भी विकास हो और देश मे रहने वाला हर व्यक्ति भी खुशहाल हो (चाहे वह किसी भी धर्म,सम्प्रदाय या जाति का हो)- अगर ऐसा कोई नेता हुआ तो उसे "सेक्युलर" नही माना जायेगा और उसे पी एम बनने से रोकने की हर संभव कोशिश इन "सेक्युलर" नेताओं के द्वारा की जायेगी !
Published on 31/3/2014

No comments:

Post a Comment

Featured Post

रवि ने अपनी पर्सनल सेक्रेटरी को बनाया सेक्स स्लेव

 रवि कपूर सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट कम्पनी का मालिक एवम CEO था।कम्पनी में वैसे तो 100 के आसपास कर्मचारी काम करते थे जिनमे हर उम्र के पुरुष और महिल...