Tuesday, May 13, 2025

मॉडर्न सेक्स एजुकेशन कॉलेज



 DISCLAIMER : इस  कहानी के सभी पात्र, स्थान, घटनाएं और कथानक पूरी तरह से काल्पनिक हैं और उनका वास्तविक जिंदगी के किसी पात्र,स्थान या घंटना से कोई लेना देना नहीं है.यह कहानी 18 साल से ऊपर के पाठकों के मनोरंजन के लिए लिखी गयी है. कहानी के सभी पात्र 18 साल से अधिक आयु के हैं. जिन्हे इस तरह की कहानियां पसंद न हों, वे इसे छोड़कर इस फोरम पर उपलब्ध अपने पसंद की कोई और कहानी पढ़कर भी आनंद उठा सकते हैं. 


विजय, अजय और विवेक तीनों पक्के दोस्त थे। तीनों दोस्तों ने जैसे तैसे करके बी ए तो कर लिया था लेकिन उनका पढ़ाई लिखाई में मन बिल्कुल नही लगता था। तीनों दोस्तों में काफी बातें मिलती जुलती थी। तीनों ही बड़े घरों की बिगड़े बाप की औलादें थीं। तीनों ही लड़कियों के चक्कर मे पड़े रहते थे लेकिन तीनों की ही शक्ल सूरत ऐसी थी कि उन लोगों के करोड़पति होने के बाबजूद कोई लड़की उन्हें अपने मुंह नही लगाती थी। हालात यह थी कि तीनों दोस्तो की अभी तक कोई गर्ल फ्रेंड तक नहीं थीं और इस सबके चलते उन तीनों की सेक्स की भूख शांत करने का कोई जरिया नही था।

एक दिन तीनों दोस्त बैठे हुए अपनी इसी समस्या पर चर्चा कर रहे थे। उसी समय अजय बोला : मेरे दिमाग मे एक ऐसा प्लान है जिसे अगर हम लागू कर दें तो हमारी सभी समस्या दूर हो सकती हैं।

विजय : ऐसा क्या प्लान है ?

विवेक : हाँ यार हमे भी तो मालूम पड़े कि ऐसा क्या प्लान है

अजय : देखो हम लोगों को कोई न कोई धंधा तो करना है। क्योँ न हम लोग एक सेक्स एजुकेशन कॉलेज शुरू कर दें। सरकार इस तरह के कालेज शुरू करने वालों को प्रोत्साहन भी दे रही है। 12 वीं पास लड़के लड़कियां हमारे कालेज में आकर 6 महीने का डिप्लोमा कर सकते हैं । सभी अस्पतालों में आजकल जो यौन रोग डिपार्टमेंट होता है, वहां इन लोगों को हमारे कालेज के डिप्लोमा के आधार पर नौकरी मिल जाएगी।

विजय : भाई प्लान तो बहुत बढ़िया है लेकिन यह सब होगा कैसे ?

अजय : अरे तुम्हारे तो मामा जी ही हेल्थ सेक्रेटरी हैं। वह हमारी मदद करेंगे। वह एक आर्डर जारी करवा देंगे कि सभी अस्पतालों में यौन रोग डिपार्टमेंट में नौकरी तभी मिलेगी जब हमारे कालेज से सेक्स एजुकेशन का डिप्लोमा पास किया हुआ होगा।

विवेक : लेकिन इससे हमें क्या फायदा होगा ? हम तो कोई और भी बिजनेस भी कर सकते हैं । इसी बिजनेस की क्या जरूरत है ?

अजय : अरे तू तो बिल्कुल बेबकूफ है । मेरा तो इस बिजनेस आईडिया को सोच सोचकर ही लंड खड़ा हुआ जा रहा है और तुझे इसमें कोई फायदा नज़र नही आ रहा है।

विजय : हाँ अजय, तेरा आईडिया तो बड़ा जबरदस्त है। मेरा लंड भी अभी से खड़ा होने लगा है। जल्द से जल्द हम लोग इस प्लान को पूरा करने पर लग जाते हैं।

अजय : इस सेक्स एजुकेशन डिप्लोमा में 6 महीने में लड़के लड़कियों से क्या क्या करवाया जाएगा, वह सब तो हम तीनों ही मिलकर तय करेंगे। मेरे पास एक किताब है जिसका नाम है- मॉडर्न सेक्स एजुकेशन गाइड। उस किताब से भी काफी मदद मिलेगी।

विवेक : हाँ यार, अब मुझे भी समझ आ गया कि यह कितना मस्त प्लान है। हमे तुरंत ही इस पर लग जाना चाहिए

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विजय के मामा स्टेट हेल्थ सेक्रेटरी थे सो उन्होंने मॉडर्न सेक्स एजुकेशन कॉलेज को फ़टाफ़ट मान्यता देने के साथ साथ यह आदेश पास करवा दिया कि सिर्फ इस कॉलेज के डिप्लोमा पास करने वाले छात्र ही अस्पतालों में यौन रोग विभागों में असिस्टेंट की पोस्ट पर नियुक्त होने के लिए योग्य होंगे।

अजय का एक बहुत बड़ा फार्म हाउस था जो शहर से 10 किलोमीटर दूरी पर था। उसमें पहले से ही लगभग 25 कमरे और बिजली पानी जैसी सभी सुविधाएं मौजूद थीं। इसी फार्म हाउस को मॉडर्न सेक्स एजुकेशन कॉलेज बना दिया गया।

विवेक ने कॉलेज के अंदर अन्य सभी सुविधाओं की व्यवस्था कर दी थी। अजय, विजय और विवेक कॉलेज के फाउंडर डायरेक्टर बन गए थे और उन्होंने कॉलेज के लिए जो नियम बनाये थे वह इस प्रकार हैं :
1. कॉलेज में एडमिशन के लिए कम से कम 18 साल की उम्र और 12 वीं पास होना चाहिए
2. डिप्लोमा 6 महीने का था और इन 6 महीनों तक छात्रों को कॉलेज कैंपस के हॉस्टल में रहना अनिवार्य था। पूरे डिप्लोमा कोर्स की फीस 10000 रुपये थी जिसमें रहना खाना आदि सब शामिल था। तीनों दोस्तों ने जान बूझकर इस फीस को बहुत कम रखा था।
3. कॉलेज में एक बार में सिर्फ 60 लोगों को एडमिशन देने का भी फैसला लिया गया था
4. सरकार से कालेज को जो मान्यता मिली थी उसमें यह भी शर्त थी कि कम से कम तीन लेडी टीचर्स कॉलेज में भर्ती की जाएगी।

अजय, विजय और विवेक इन 3 लेडी टीचर्स के बारे में चर्चा में व्यस्त थे

अजय : यार, यह लेडी टीचर्स हमे कहाँ मिलेगीं
विजय : और सेक्स एजुकेशन पढाने वाली टीचर्स कहाँ से लाएंगे हम
विवेक : यह कोई चिंता की नही, बल्कि खुश होने वाली बात है
अजय : वह कैसे ?
विवेक : अरे हम लोग अपने पसंद की सेक्सी और खूबसूरत तीन लड़कियों को नौकरी पर रख लेंगे जो हर समय सिर्फ हमारे इशारों पर नाचेंगी। सरकार और दुनिया को दिखाने के लिए वह हमारे कॉलेज की टीचर होंगी लेकिन हम उन्हें अपनी अपनी सेक्स स्लेव बनाकर रखेंगे। बेरोजगारी का आलम यह है कि हम जैसे ही टीचर की वैकेंसी का विज्ञापन निकालेंगे, यहां लड़कियों की लाइन लग जायेगी।

अजय - विजय : हाँ बात तो तुम्हारी सोलह आने सच है। यह तो सोने पर सुहागा हो गया । स्टूडेंट्स से भी मजे लो और टीचरों से भी मजे लो। मतलब अब हम लोगों की बाकी जिंदगी काफी मजेदार ढंग से और अय्याशी के साथ गुजरने वाली है

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लेडी टीचर के जो विज्ञापन निकाले गए थे, उसके जबाब में 100 लड़कियों ने अप्लाई किया था। तीनों दोस्तों ने एक साथ बैठकर लड़कियों के फोटो देख देखकर 10 सबसे ज्यादा खूबसूरत और सेक्सी लड़कियो को इंटरव्यू के लिए बुला लिया।

इंटरव्यू के लिए तीनों दोस्त एक ही कमरे में बैठ गए और उन्होंने रिसेप्शन पर यह निर्देश दे दिया कि वह बारी बारी से सभी दसों लड़कियों को अंदर भेजे।

पहली लड़की इंटरव्यू के लिए उन तीनों के सामने हाज़िर हो चुकी थी। उसे देखते ही तीनों के लंड एकदम तनकर ख़ड़े हो गए।

गुड़ मॉर्निंग सर, मेरा नाम शालिनी है और मैंने बी एस सी फर्स्ट डिवीजन में पास किया है

शालिनी ने नीले रंग की टाइट जीन्स और सफेद रंग का टॉप पहना हुआ था।

शालिनी की तरफ देखकर अजय बोला : हमारे कॉलेज में सेक्स एजुकेशन पढ़ाई जाएगी, आपको इसका क्या अनुभव है

शालिनी चुप रही तो विजय बोलने लगा : देखिये आप अभी से शर्मा रही हैं तो सेक्स के बारे में क्या खाक पढ़ा पाएंगी - लड़के लड़कियों को आपने खुलकर सेक्स के बारे में पढ़ाना और सिखाना भी है। इसमें कई बार आपको उनके कपड़े उतरवाकर भी उन्हें समझाना और सिखाना पड़ेगा। क्या आप यह काम कर पाएंगी। इसके लिये एकदम बोल्ड क़िस्म की लेडी टीचर ही चल पाएगी। मुझे नही लगता कि आप यह सब कर सकेंगी।

शालिनी : नही सर, मैं सब कुछ कर सकती हूँ। बस आप मुझे एक बार चांस देकर आज़मा लीजिये।

विवेक : ठीक है। हम यह समझने की कोशिश करते हैं कि आप कितनी बोल्ड हैं और किस हद तक अपनी शर्म और झिझक को छोड़कर सेक्स के बारे में खुल सकती हैं ।

शालिनी : ठीक है सर, आप जो कहेंगे मैं वह करने के लिए तैयार हूँ।

विवेक : चलो अब खड़ी हो जाओ
शालिनी सोफे से उठकर खड़ी हो गई
विवेक : अब अपना टॉप उतारो
शालिनी ने थोड़ा झिझकते हुए अपना टॉप उतार दिया और उसके ऊपर के बदन पर अब सिर्फ एक काले रंग की ब्रा ही बच गई थी
अजय और विजय मेज के पीछे से ही अपने अपने लंड को अपनी पैंट के ऊपर से ही सहला रहे थे
विवेक : जीन्स भी उतारो

शालिनी ने जीन्स नही उतारी और ऐसे ही खड़ी तीनों की तरफ देखने लगी : क्या सर सच मे जीन्स उतारनी है ?
विवेक : देखो इतना समय हमारे पास नहीं है। बाहर और भी लड़कियां खड़ी हैं। जल्दी से अपने सारे कपड़े उतारो और अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर खड़ी हो जाओ।

अब शालिनी जल्दी जल्दी जीन्स उतारने लगी। उसने अंदर काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी। उसकी केले जैसी चिकनी जाँघे अब सबके सामने थीं।

अजय : जल्दी करो और बाकी के कपड़े भी उतारो

शालिनी ने ब्रा और पैंटी भी उतार दिए और एकदम निर्वस्त्र हो गई

विजय : अब अपने दोनों हाथ ऊपर उठाओ और धीरे धीरे चलती हुई मेरे नज़दीक आओ।

शालिनी का चेहरा शर्म से एकदम लाल हो चुका था

अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर वह धीरे धीरे चलती हुई विजय की तरफ आने लगी

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शालिनी जैसे ही विजय के नज़दीक आकर खड़ी हुई विजय ने अपने हाथों को उसके मखमली बदन पर फिराना शुरू कर दिया। उसकी चिकनी पतली कमर और पेट को सहलाते सहलाते विजय के हाथ शालिनी के दोनों उरोजों को दबाने  सहलाने लगे।

विजय ने शालिनी की तरफ देखा। वह शर्म से अपना चेहरा झुकाए खड़ी थी और उसके दोनों हाथ अभी भी ऊपर उठे हुए थे

विजय ने शालिनी से पूछा : तुम्हारे मम्मे दबाए जा रहे हैं, उसमे तुम्हे मज़ा आ रहा है ?

शालिनी : जी सर

विजय : क्या जी सर ?  साफ साफ बोलो

शालिनी : जी सर मज़ा आ रहा है

विजय : गुड़

अब विजय अपने हाथों को शालिनी की चिकनी जाँघों पर फिराते फिराते उसकी चिकनी योनि पर ले गया और उसके योनि के चिकने हिस्से पर अपना हाथ फिराने लगा

शालिनी की योनि से काफी देर खेलने के बाद विजय बोला : अब जरा पीछे घूमो

शालिनी पीछे घूम गई

विजय ने उसकी पीठ को सहलाया और फिर उसके हाथ शालिनी के गोल और सुडौल नितम्बो को सहलाने और थपथपाने लगे

विजय अब शालिनी से बोला : अब तुम्हारा आगे का इंटरव्यू अजय साहब लेंगे। जाओ उनके नज़दीक जाकर खड़ी हो जाओ

शालिनी अब अजय के सामने आकर खड़ी हो गई

अजय ने अपनी दोनों टाँगों को फैलाते हुए शालिनी से कहा : यहां घुटनों के बल बैठो और मेरे लंड को चूसो

शालिनी अपने हाथ नीचे करके जमीन पर घुटनों के बल बैठ गयी और अजय की तरफ देखने लगी

अजय थोड़ी कड़क आवाज़ में शालिनी से बोला : जल्दी करो। बाहर और भी लड़कियां बैठी हैं जो इस नौकरी के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हैं।

इसके बाद शालिनी ने अजय की पैंट की ज़िप खोलकर उसके अंडरवियर को नीचे खिसका लिया और उसके अंदर अजय के तने हुए काले लंड को अपने हाथो में लेकर उसे देखने लगी।

अजय : इस लंड को अपने होंठों से चूमो और चूमते चूमते इसे अपने मुंह मे लेकर उसे अपनी जीभ से चाटो
शालिनी उसके लंड को अपने मुंह मे लेकर उस पर अपनी जीभ फिराने लगी।

कुछ देर तक अजय इसी तरह शालिनी के साथ मुख मैथुन का आनंद लेता रहा और फिर बोला : अब मैं तुम्हारे मुंह में अपने वीर्य रस की पिचकारी छोड़ूंगा। उस सारे रस को तुम्हे पीना है।

अजय ने अपने क्लाइमेक्स पर पहुंचते ही शालिनी के मुँह में अपने लंड की पिचकारी छोड़ दी जिसे शालिनी न चाहते हुए भी पी गई

अजय ने अब अपना लंड शालिनी के मुंह से बाहर निकाला और बोला : अब इसे अपनी जीभ से चाट चाटकर साफ करो

जब शालिनी ने उसके लंड की अच्छी तरह से चाट चाट कर सफाई कर दी तो वह शालिनी से बोला : ठीक है। यहां तक तो तुम पास हो। अब आगे का इंटरव्यू विवेक साहब लेंगे। चलो उनके पास जाकर खड़ी हो जाओ।

शालिनी अब विवेक के सामने खड़ी थी।

विवेक उससे बोला : आओ मेरी गोद में बैठ जाओ

यह कहकर विवेक ने उसे खींचकर अपनी गोद मे बिठा लिया। विवेक उसके रसीले होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में लेकर उन्हे बेतहाशा चूमने लगा। इस दौरान उसके हाथ शालिनी के मखमली बदन को दबाने सहलाने में व्यस्त थे। उसके पूरे बदन को अच्छी तरह से चूमने सहलाने के बाद विवेक ने शालिनी को अपनी टाँगों पर लिटा लिया और उससे बोला : चलो अब अपना मुंह खोलो।

शालिनी कुछ समझी नही और उसने अपना मुंह खोल दिया

शालिनी ने जैसे ही अपना मुंह खोला, विवेक ने उसके मुंह मे थूक दिया और बोला : अब इस थूक को मेरा प्रसाद समझकर निगल जाओ

जब तक शालिनी ने थूक को निगला, विवेक उसके दोनों गालों पर हल्के हल्के चपत लगाता रहा

इसके बाद  उसने शालिनी को अपनी गिरफ्त से आज़ाद करते हुए कहा : अब तुम टीचर की नौकरी के लिए सेलेक्ट हो गई हो। कल सुबह 10 बजे से तुम्हे यहां रिपोर्ट करना है। तुम्हे यहां रहने और खाने की सुविधा के साथ 25000 रुपये की सैलरी भी हर महीने दी जावेगी।

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शालिनी के बाद टीचर के इंटरव्यू के लिए जो अगली लड़की हाज़िर हुई उसका नाम अनुष्का था और वह भी बला की खूबसूरत थी। उसने हल्के नीले रंग की शिफॉन की साड़ी और मैचिंग ब्लाउज पहना हुआ था। साड़ी में से उसकी नाभि और चिकनी पतली क़मर साफ दिख रही थी।

अनुष्का सोफे पर बैठकर अपने बारे में बताने लगी : सर मेरा नाम अनुष्का है और मैंने अँग्रेजी से बी ए पास किया है । सर मुझे इस नौकरी की बहुत सख्त जरूरत है। मेरे पापा नही हैं। मम्मी अक्सर बीमार रहती हैं। मेरे एक छोटा भाई और एक छोटी बहन है। मैं किसी तरह से टयूशन वगैरा पढ़ाकर पूरे घर का खर्चा चला रही हूँ। सर मैं बहुत मन लगाकर काम करूंगी और आपकी हर बात मानूंगी। मुझे बस आप एक बार मौका देने की कृपा करें।

अनुष्का ने जिस तरह से बातचीत की थी उसे सुनकर तीनों दोस्तों के लण्ड एकदम बेकाबू होकर तन गए थे क्योंकि उसने अपनी मजबूरी बयान करके कुछ भी करने का वायदा भी पहले ही कर दिया था।

अब विजय ने अनुष्का से थोड़ा रौबीली आवाज़ में कहा : खड़ी हो जाओ

अनुष्का खड़ी हो गई

विजय : साड़ी उतारो

अनुष्का : सर यह क्या कह रहे हैं ? आप सबके सामने में अपनी साड़ी कैसे उतार सकती हूँ ?

अजय : अगर तुम्हें यह नौकरी चाहिए तो वही सब करना पड़ेगा जो हमारा हुक्म होगा। चलो साड़ी उतारो फ़टाफ़ट। बाहर और भी लड़कियां लाइन लगाए खड़ी हैं।

अनुष्का ने न चाहते हुए भी साड़ी उतार दी। अब उसके बदन पर सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट बचा था।

विवेक ने पैंट में तन रहे अपने लंड को सहलाते हुए कहा : अपने बाकी के भी सारे कपड़े उतारो और हाथ ऊपर उठाकर खड़ी हो जाओ

अनुष्का : नही सर, प्लीज़ मुझे बिल्कुल नंगा मत कीजिये

विजय : यह मॉडर्न सेक्स एजुकेशन कॉलेज है क़ोई पंसारी की दुकान नहीं है, समझी कि नही ? चल ज्यादा नखरे मत कर और पूरी तरह नंगी हो जा

अजय : यह भी सोच कि तुझे हर महीने 25000 की सैलरी और यहां कालेज में रहने और खाने की सुविधा भी मिलेगी। चल फ़टाफ़ट कपड़े उतार दे

अनुष्का ने अब अपने ब्लाउज को उतारना शुरू किया। अंदर उसकी काले रंग की ब्रा थी जिसमें उसके मम्मे कैद थे।

इसके बाद उसने अपने पेटीकोट क़ा नाड़ा खींच दिया और उसे भी उतार दिया। अंदर उसने लाल रंग का अंडरवियर पहना हुआ था ।

विवेक से अब रहा नही गया और बोला  : चल अब इधर मेरे नज़दीक आकर खड़ी हो जा

अजय : हाथ ऊपर उठाओ फिर धीरे धीरे चलती हुई विवेक साहब के पास आओ।

अनुष्का ने अपने हाथ ऊपर उठा लिए और विवेक के सामने आकर खड़ी हो गई।

विवेक ने अनुष्का के चिकने पेट पर अपना हाथ फिराते हुए अजय की तरफ देखकर कहा : एकदम मस्त माल है साली

विवेक ने अपना हाथ उसके अंडरवियर में घुसाकर उसकी योनि को दबाते हुए एक ही झटके में उसके अंडरवियर को भी उतार दिया

विवेक : चल नीचे बैठ और मेरा लण्ड चूस

अनुष्का विवेक की दोनों टाँगों के बीच घुटनों के बल बैठी हुई थी और शर्म से उसने अपनी आँखें बंद कर ली थीं। विवेक ने अपने खड़े काले लण्ड को बाहर निकाला और उसे अनुष्का के खूबसूरत गोरे चेहरे पर फिराना शुरू कर दिया। अपने लण्ड को उसने अनुष्का के गुलाबी होंठों पर काफी देर तक रगड़ा और फिर बोला : अपना मुंह खोल और इसे अंदर लेकर चूस साली

यह कहने के साथ ही विवेक ने अनुष्का के दोनों गालों पर चपत भी लगा दिये। इसके बाद अनुष्का ने विवेक के लण्ड को अपने मुंह के अंदर ले लिया और उसे चूसने लगी।

विवेक ने कुछ समय अनुष्का का मुख मैथुन किया और फिर अपने लण्ड की पिचकारी उसके मुंह में छोड़ दी।

विवेक बोला : सारा वीर्य रस पीना है तुझे। एक बूंद भी बाहर नही गिरनी चाहिए।

लेकिन विवेक के कहते कहते भी वीर्य की कुछ बूंदें विवेक के जूतों पर गिर गई थी।

विवेक ने अपना लंड उसके मुंह से बाहर निकाला और बोला : चल इसे अपनी जीभ से चाटकर साफ कर

जब अनुष्का ने उसके लण्ड को अच्छी तरह साफ कर दिया तो विवेक ने उसे अपनी पैंट के अंदर किया और बोला : अब मेरे जूतों पर जो वीर्य की बूंदें गिरी हैं, उन्हें भी अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ कर

अनुष्का मुर्गा पोजीशन में झुककर विवेक के जूतों को चाटने लगी। विवेक ने मौका देखकर उसकी ब्रा का हुक भी खोल दिया और ब्रा अनुष्का के बदन से गिरकर अलग हो गई।

  जब विवेक अनुष्का से अपने जूते चटवा चुका तो बोला : चल अब खड़ी हो जा और अजय साहब को बाक़ी का इंटरव्यू दे।

अनुष्का अब एकदम नंगी थी । वह अपने एक हाथ से अपने दोनों मम्मे और दूसरे हाथ से अपनी योनि को छिपाने लगी। लेकिन अजय ने उसे रोकते हुए कहा : आपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर मेरे पास आओ

अनुष्का अब अजय के सामने अपने दोनों हाथ ऊपर उठाएं खड़ी थी। अजय ने अपने दोनों हाथों को उसकी कमर पर टिकाकर उसके चिकने पेट पर अपने चेहरे को रगड़ना शुरू कर दिया।

कुछ देर तक अजय अनुष्का के पूरे बदन से इसी तरह खेल खेल कर मज़े लेता रहा। इसके बाद उसने अनुष्का को विजय के पास भेज दिया।

विजय ने अनुष्का को अपनी टांगों पर उल्टा करके लिटा लिया और फिर उसकी पीठ को सहलाते हुए उसके गोल सुडौल नितम्बों को जोर जोर से थपथपाने लगा।

तीनों दोस्तों ने अनुष्का के साथ जी भरकर मौज मस्ती करने के बाद उसे भी नौकरी पर रखने का फैसला कर लिया और उसे अगले दिन सुबह 10 बजे आने के लिए कहकर उसे फिलहाल रवाना कर दिया

                                                      *****
शालिनी और अनुष्का जब इंटरव्यू देकर बाहर निकली तो उन्होंने बाहर बैठी हुई बाकी की 8 लड़कियों को यह बता दिया  कि अंदर इंटरव्यू के नाम पर क्या चल रहा है

उन दोनों की बातें सुनकर वहां से 7 लड़कियां तो वहां से भाग खड़ी हुई और वहां रागिनी नाम की एक ही लड़की अब इंटरव्यू के लिए बची थी

जब रागिनी अंदर इंटरव्यू क लिए पहुँची तो उसे भी कपडे उतारने के लिए कहा गया लेकिन उसने कपडे उतारने से साफ़ इंकार करते हुए अजय, विजय और विवेक को  बुरी तरह लताड़ना शुरू कर दिया

इससे पहले कि अजय विजय और विवेक रागिनी को कुछ पलटकर कह पाते, अचानक ही वहां पर 5 पुलिस वालों की टीम घुस आयी और उस टीम का मुखिया ए सी पी  शैलेश चौहान अपने साथ आये पुलिस वालों से बोला-" गिरफ्तार कर लो इन तीनों बदमाशों को. अब इनकी थाने ले जाकर तबियत से पिटाई की जाएगी और रात भर पुलिस लॉक अप में रखने के बाद कल सुबह कोर्ट में पेश करके 15 दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा. पुलिस रिमांड के 15 दिनों में भी इन बदमाशों की तबियत से पिटाई की जाएगी. शालिनी और अनुष्का के बयान हम लोगों ने दर्ज़ कर लिए हैं. इन पर ऐसा केस बनाया जाएगा कि यह सब कम से कम दस सालों तक जेल में चक्की पीसेंगे."

दरअसल रागिनी ए सी पी शैलेश चौहान की सगी बहन थी और उसने ही अपने भाई को यहां चल रहे गोरखधंधे की खबर देकर उसे यहां आकर छापा मारने के लिए कहा था.

अगले ही दिन सभी अख़बारों में यह खबर प्रमुखता के साथ छपी :" शहर के तीन बिगड़े हुए रईसजादे सेक्स  एजुकेशन कॉलेज के नाम पर सेक्स रैकेट चलाते हुए रँगे हाथों पकडे गए है. तीनों के नाम अजय,विजय और विवेक हैं और तीनों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है. स्टेट हेल्थ सेक्रेटरी जिसने इस कालेज को चलाने की मान्यता दी थी, उसे भी ससपेंड कर दिया गया है."


                                                  THE END


                                        



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