18 मई 2025 को राहु का गोचर कुंभ राशि में और केतु का गोचर सिंह राशि में होने जा रहा है, और यह स्थिति लगभग 18 महीनों तक बनी रहेगी। राहु और केतु छाया ग्रह होते हैं और इनका प्रभाव आध्यात्मिक, मानसिक, सामाजिक और कभी-कभी भौतिक जीवन पर भी गहरा पड़ता है। आइए जानते हैं इस गोचर का 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा:
🔮 मेष राशि (Aries)
राहु: लाभ भाव (11वां घर)
केतु: पंचम भाव (5वां घर)
प्रभाव:
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आय में वृद्धि होगी, नए संपर्क बनेंगे।
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निवेश से लाभ मिल सकता है।
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बच्चों की शिक्षा या संतान पक्ष को लेकर चिंताएं हो सकती हैं।
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प्रेम संबंधों में भ्रम या दूरी संभव।
🔮 वृषभ राशि (Taurus)
राहु: दशम भाव (10वां घर)
केतु: चतुर्थ भाव (4वां घर)
प्रभाव:
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करियर में उन्नति, विदेश से जुड़ा काम लाभदायक रहेगा।
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मां का स्वास्थ्य या घर से संबंधित तनाव बढ़ सकता है।
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नौकरी में बदलाव की संभावना।
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प्रॉपर्टी से जुड़ा कोई बड़ा निर्णय लेना पड़ सकता है।
🔮 मिथुन राशि (Gemini)
राहु: नवम भाव (9वां घर)
केतु: तृतीय भाव (3वां घर)
प्रभाव:
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विदेश यात्रा या उच्च शिक्षा के योग।
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भाग्य का साथ मिलेगा, लेकिन धार्मिक मामलों में भ्रम हो सकता है।
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छोटे भाई-बहनों से दूरी या मतभेद।
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आत्मविश्वास में कमी आ सकती है।
🔮 कर्क राशि (Cancer)
राहु: अष्टम भाव (8वां घर)
केतु: द्वितीय भाव (2वां घर)
प्रभाव:
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स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें, अचानक खर्चे बढ़ सकते हैं।
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पारिवारिक जीवन में असंतुलन संभव।
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धन हानि या वाणी पर संयम रखने की आवश्यकता।
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गुप्त शत्रु सक्रिय हो सकते हैं।
🔮 सिंह राशि (Leo)
राहु: सप्तम भाव (7वां घर)
केतु: प्रथम भाव (1वां घर)
प्रभाव:
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वैवाहिक जीवन में तनाव या गलतफहमी।
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साझेदारी के व्यवसाय में धोखा या उलझन।
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स्वयं की पहचान, स्वास्थ्य और आत्मबल पर असर।
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अहंकार को त्यागना जरूरी होगा।
🔮 कन्या राशि (Virgo)
राहु: षष्ठ भाव (6वां घर)
केतु: द्वादश भाव (12वां घर)
प्रभाव:
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शत्रुओं पर विजय, कानूनी मामलों में सफलता।
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स्वास्थ्य सुधरेगा, ऋण से मुक्ति के योग।
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विदेश यात्रा संभव, पर खर्चों पर नियंत्रण जरूरी।
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नींद की कमी या मानसिक तनाव।
🔮 तुला राशि (Libra)
राहु: पंचम भाव (5वां घर)
केतु: एकादश भाव (11वां घर)
प्रभाव:
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संतान पक्ष से सुखद समाचार मिल सकता है।
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निवेश से अच्छा लाभ मिलेगा।
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प्रेम जीवन में रहस्य या छुपाव संभव।
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मित्रों से दूरी या धोखा।
🔮 वृश्चिक राशि (Scorpio)
राहु: चतुर्थ भाव (4वां घर)
केतु: दशम भाव (10वां घर)
प्रभाव:
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गृह सुख में कमी, मां के स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
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करियर में बदलाव या असंतोष।
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ट्रांसफर के योग।
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कार्यस्थल पर छुपे शत्रुओं से सावधान रहें।
🔮 धनु राशि (Sagittarius)
राहु: तृतीय भाव (3वां घर)
केतु: नवम भाव (9वां घर)
प्रभाव:
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साहस, आत्मबल में वृद्धि।
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छोटी यात्राएं लाभप्रद होंगी।
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गुरु या पिता से मतभेद हो सकते हैं।
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धार्मिकता से विचलन संभव।
🔮 मकर राशि (Capricorn)
राहु: द्वितीय भाव (2वां घर)
केतु: अष्टम भाव (8वां घर)
प्रभाव:
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वाणी से सफलता मिल सकती है।
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धन संचय में बाधाएं।
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जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर असर।
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अचानक घटनाएं मानसिक अशांति ला सकती हैं।
🔮 कुंभ राशि (Aquarius)
राहु: प्रथम भाव (1वां घर)
केतु: सप्तम भाव (7वां घर)
प्रभाव:
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आत्मविश्वास अधिक रहेगा, पर भ्रम और अहंकार से बचें।
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वैवाहिक जीवन में गलतफहमियां संभव।
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हेल्थ में उतार-चढ़ाव।
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छवि को लेकर सतर्क रहें।
🔮 मीन राशि (Pisces)
राहु: द्वादश भाव (12वां घर)
केतु: षष्ठ भाव (6वां घर)
प्रभाव:
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विदेश यात्रा के प्रबल योग।
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खर्चों में अत्यधिक वृद्धि।
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स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
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शत्रुओं से सतर्क रहें, कानूनी झंझट संभव।
🔚 सारांश:
राहु और केतु का यह गोचर मानसिक संतुलन, निर्णय क्षमता और रिश्तों पर गहरा असर डालेगा। योग, ध्यान और संयम से राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है।
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