Tuesday, November 8, 2016

नरेन्द्र मोदी के नाम खुला खत !

आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी,

इस समय पूरे देश मे भाजपा की और खुद आपकी जबरदस्त लहर चल रही है- इसमे कोई दो राय नही है ! आपका प्रधानमंत्री बनना भी पूरी तरह तय है. लल्लू,नीतीश,ममता,माया,मुलायम, राहुल,सोनिया और केजरीवाल जैसे लोगों के बस की यह बात नही है कि आपको प्रधानमंत्री बनने से रोक सके ! लेकिन आपकी अपनी ही पार्टी द्वारा किये गये कुछ बेहद गलत फैसले आपके इस प्रधानमंत्री बनने की हकीकत को कभी ना पूरा होने वाले सपने मे तब्दील कर सकते है.

अभी हाल ही मे बिहार मे पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के साथ किया गया गठबंधन और तमिलनाडु मे डी एम के के करुणानिधि से बढ़ती नज़दीकियाँ निश्चित रूप से ऐसे गलत कदम हैं, जो भाजपा के अच्छे खासे चलते हुये विजय रथ को रोकने के लिये पर्याप्त हैं. ऐसी नरपिशाची शक्तियाँ जिनका भाजपा को हर हाल मे विरोध करना चाहिये, उन्ही के साथ गठबंधन करने का मतलब यही होगा कि जितनी सीटों पर इन पार्टियों के लोग खड़े होंगे, उतनी सीटे तो सीधे सीधे अपने 273 की संख्या मे से घटाकर चलना ही ठीक होगा ,क्योंकि जहां जहां भी इन लोगों के गुंडे,डाकू,बलात्कारी,हत्यारे,देशद्रोही और भ्रष्ट उम्मीदवार खड़े होंगे, उन सबकी जमानत जब्त होनी लगभग तय है ! अगर भाजपा इन्ही सीटों पर अपने साफ सुथरी छवि वाले उम्मीदवार खड़े करे, तभी यह संभव होगा कि वह सीटें भाजपा के खाते मे जुड़ पाएँ और 273 का आंकड़ा पूरा हो सके !

इस बात को बिल्कुल भी हल्के मे लेने की जरूरत नही है-समय बदल चुका है और लोग अब इस बात के लिये शायद बिल्कुल भी तैयार नही हैं कि खराब छवि वाले गुंडे,डाकू,बलात्कारी,हत्यारे और पूरी तरह से भ्रष्ट लोग संसद मे पहुंचकर 125 करोड़ लोगों के ऊपर राज करें !

आप अपनी पार्टी मे तो यह सुनिश्चित कर सकते है कि साफ सुथरी छवि के ऐसे उम्मीदवार खड़े किये जाएं जिनके ऊपर इस तरह के संगीन आरोप ना हों, लेकिन अगर इस बात की उम्मीद पासवान और करुणानिधि से करेंगे तो यह असंभव कार्य होगा क्योंकि इन जैसी पार्टियों मे तो सिर्फ और सिर्फ इसी तरह के उम्मीदवार उपलब्ध हैं !

इस बार टक्कर कांटे की होगी और 273 का संख्याबल पूरा करने के लिये लोकसभा की एक एक सीट की मारामारी होगी ! ऐसी स्थिति मे जानबूझकर ऐसी पार्टियों से गठबंधन अपने पैरों मे खुद कुल्हाड़ी मारने जैसा ही है !

इन पार्टियों से अगर गठबंधन जारी रहता है तो उसके दो बड़े नुकसान होंगे-पहला तो यही कि जितनी सीटों पर यह लोग लडेंगे, जमानत जब्त कराकर हारेंगे और 273 के संख्याबल मे सीधा सीधा नुकसान पहुंचाएंगे ! दूसरा अपरोक्ष नुकसान यह होगा कि अगर इन जन विरोधी और देश विरोधी शक्तियों के साथ गठबंधन कर लिया तो उसका असर भाजपा के बाकी उम्मीदवारों की सीटों पर भी पड सकता है- आप खुद भी सहमत होंगे कि यह असर अच्छा तो होगा नही !

यह देश तो आपको प्रधान मंत्री बनाने के लिये तैयार है,अब यह आपको तय करना है कि आपकी उसके लिये कितनी तैयारी है और इन नरपिशाची शक्तियों को आप भाजपा से कितना दूर रख पाते हैं ! ऐसे लोगों के साथ गठबंधन के बाबजूद अगर आप प्रधान मंत्री बन गये तो यह किसी चमत्कार से कम नही होगा !
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rajeevg@hotmail.com
Published on 4/3/2014

देशद्रोहियों को बचाने मे जुटे अब्दुल्ला,अखिलेश और केजरीवाल !

बुधवार 5 मार्च को चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनावों की घोषणा के साथ ही आदर्श चुनाव संहिता जम्मू-कश्मीर समेत प़ूरे देश मे लागू हो गयी है, यह सभी को मालूम है ! सेकुलरिज्म का पाखंड कर के वोट बैंक की घटिया राजनीति करने वालों को लगता है, उन पर यह संहिता लागू नही होती है और वे देशद्रोहियों का समर्थन "सेकुलरिज्म" के नाम पर सिर्फ इसलिये किये जा रहे हैं, ताकि आने वाले लोकसभा चुनावों मे उनकी वोट बैंक की राजनीति चमकती रहे !

चुनाव आचार संहिता लागू होने के अगले ही दिन यानी 6 मार्च को जम्मू कश्मीर के माननीय मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जी का बयान आता है कि मेरठ की एक यूनिवर्सिटी मे 67 छात्रों पर देशद्रोह के लगाये गये आरोप दुर्भाग्यपूर्ण हैं और वापस लिये जाने चाहिये- वे इतने पर ही नही रुके-अपने नापाक इरादों को आगे अंज़ाम देने के लिये उन्होने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात भी कर ली और उनसे उन्होने देशद्रोह के मामले वापस लेने के लिये औपचारिक रूप से अनुरोध भी कर डाला ! खास आदमियों के लिये बनी " आम आदमी पार्टी " भी भला कहा पीछे रहने वाली थी सो वह भी खुलकर इन देशद्रोहियों के समर्थन मे आ गयी और उनकी तरफ से भी इन लोगों को छोड़ने का दबाब बना दिया गया !

हाफ़िज़ सईद जो एक देशद्रोही है, उसका इस बात पर खुश होना क़ि 67 छात्रों ने "पाकिस्तान जिंदाबाद" के नारे लगाकर देशद्रोह का सबूत दिया, तो फिर भी समझ मे आता है क्योंकि पहली बात तो हमारे सेक्युलर लोगों के लिये वह " श्री हाफ़िज़ सईद" है, दूसरे वह देशद्रोही है तो देशद्रोहियों के समर्थन मे ही बात करेगा !


उमर अब्दुल्ला जो दुर्भाग्य से एक चुनी हुई सरकार के मुख्यमंत्री है और उनकी पार्टी नैशनल कांफ़्रेस लोकसभा के चुनाव भी लड़ेगी-उनकी ये नाज़ायज़ हरकत किसी देशद्रोह से कम नही है ! मोदी के खिलाफ 24 घंटे बकबास करने वालों को उमर अब्दुल्ला की यह बेशर्मी भरा देशद्रोह या तो दीख नही रहा, या फिर वे भी अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकने मे लगे हुये हैं.

यह समझ मे नही आता कि जिन "सेक्युलर" लोगों की जबान मोदी और भाजपा के खिलाफ 24 घंटे कैंची की तरह चलती रहती है,उनकी जुबान उमर अब्दुल्ला और हाफ़िज़ सईद जैसे लोगों के खिलाफ क्यों नही चलती ? राजनीतिक दल तो अपनी राजनीति करते रहेंगे- इस समय मामला सीधे सीधे आदर्श चुनाव संहिता के उल्लंघन का है और चुनाव आयोग को उमर अब्दुल्ला के खिलाफ ऐसी सख्त कार्यवाही करनी चाहिये जो देश के सभी  ऐसे लोगों के लिये एक मिसाल का काम कर सके जो "सेकुलरिज्म" का पाखंड करते रहते हैं.

ब्लॉग लिखते लिखते यह खबर भी आ गयी है कि "सेकुलरिज्म" के एक पाखंडी के निवेदन को "सेकुलरिज्म" के दूसरे पाखंडी ने सहर्ष स्वीकार कर लिया है और देशद्रोहियों के ऊपर से देशद्रोह के आरोप वापस ले लिये गये है ! ठीक है-अखिलेश यादव को भी तो अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकनी है-यह काम सिर्फ अब्दुल्ला क्यों करे ? "सेकुलरिज्म" का सारा ठेका अब्दुल्ला ने ही थोड़े ले रखा है ! चुनाव आयोग का काम अब दुगुना हो गया है और उसे अब इन दोनो पर ही कोई सख्त कार्यवाही करनी होगी ! हैरानी की बात तो यह है कि देशद्रोह का मुकदमा वापस लेने से पहले ही इन 67 लोगों को गिरफ्तार करने की वजाये वहा से सुरक्षित जगह पर भगा दिया गया था !
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rajeevg@hotmail.com
Published on 6/3/2014

केजरीलाल की "मीडिया सैटिंग"

खुल गया पाखंड मेरा-हाँ मैं केजरीलाल हूँ !
लुट गया घमंड मेरा-हाँ मैं केजरीलाल हूँ !!

 हवाई यात्राएं करता -मीडिया के खर्चे पर !
 रंगे हाथों पकड़ा गया मीडिया से "सेटिंग" पर !!

खुद किसी सवाल का जबाब नही बन पड़ता,
औरों से सवाल करूँ, हाँ मैं केजरीलाल हूँ !!

 देशद्रोही- आतंकी, सब तो मेरे साथी हैं,
 बन गया हूँ में दूल्हा,ये तो बस बाराती हैं !!

मोदी ना बने पी एम, यह मुझे आदेश है-
दंड का मैं अधिकारी, हाँ मैं केजरीलाल हूँ !!

 भूल  गया  भ्रष्टाचार, यह  मेरी  मजबूरी  है!
 मीडिया से "सेटिंग" करना बहुत जरूरी है !!

सी एम की तर्ज़ पर ही, पी एम बनवा दो मुझे
बिक गया ईमान मेरा, हाँ मैं केजरीलाल हूँ !!

 "सेकुलरिज्म का पाखंड" मेरा आखिरी सहारा है !
 "मोदी लहर" ने मुझे भिगो- भिगो मारा है !!

फंस  चुका  हूँ , अपने  ही  किये  दुष्कर्मों में,
आखिर कितना झूठ बोलूँ- हाँ मैं केजरीलाल हूँ !!

बीस सवालों की  यह लिस्ट मेरी दुश्मन है
कैसे दूंगा जबाब इनके,भारी यह उलझन है

दुष्कर्मों को अंज़ाम देना सिर्फ मुझे आता है !
खुल गयी है पोल मेरी, हाँ मैं केजरीलाल हूँ !!

खंडित जनादेश  आये, बस  यही  तमन्ना  है !
मुझको तो "किंग" नही, "किंगमेकर" बनना है !!

दौड़ा- दौड़ाकर , जनता खूब मुझे  मारेगी-
जानता यह मैं भी हूँ-हाँ मैं केजरीलाल हूँ !!
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Published on 10/3/2014

मीडिया अटेंशन पाने के लिये किये ज़ा रहे हैं मोदी पर हमले ?

कुछ समय पहले मैने एक ब्लॉग लिखा था कि-"क्या मोदी टिक पायेंगे केजरीवाल के सामने ?"  केजरीवाल जी ने लगता है मेरे उस लेख को काफी गंभीरता से ले लिया है और उस दिन के बाद से वह लगातार कुछ ना कुछ ऐसा कारनामा अंज़ाम देने की फ़िराक़ मे रहते है कि जो भी हो, मुझे जैसे तैसे करके एक बार प्रधान मंत्री जरूर बनना है-उसके बाद वह सरकार 49 दिनो तक चले , 49 घंटों तक  चले या फिर 49 मिनट चलकर ही अपना दम तोड दे-इससे मेरा कोई सरोकार नही है क्योंकि देश मे चुनाव आयोग खाली बैठा हुआ है सो दुबारा चुनाव हो जायेंगे और दुबारा चुनाव होने पर जो खर्चा होगा वह कौन सा मेरी जेब से जा रहा है- जिन लोगों को बरगला बरगलाकर मैं वोट बटोरने की नाकाम कोशिश मे लगा हूँ, इन्ही के दिये गये टॅक्स के पैसे से मध्यावधि चुनाव भी लड लिये जायेंगे- हमारा तो शुरु से ही यही कहना रहा है कि हम सब "मरे पिटे कुचले हुये आम-आदमी" हैं और हमारे पास खोने के लिये कुछ भी नही है- अगर कोई खोयेगा तो जनता खोयेगी-हम लोग दरअसल उसूलों के बहुत ज्यादा पक्के हैं और एक ही उसूल पर चल रहे है -"अपना काम बनता -भाड मे जाये जनता !"

जनता को तो और राजनीतिक पार्टियाँ भी पिछले 65 सालों से बरगला ही रही हैं- थोड़ा केजरीवाल जी भी बरगला लेंगे तो किसी का क्या बिगड़ जायेगा- अगर केजरीवाल जी देशद्रोहियों,माओवादियों,आतंकवादियों और अलगाववादियों की मदद से दो चार घंटे के लिये भी प्रधान मंत्री बन सके और टिक कर एक आध काम भी निपटाने का नाटक कर सके, तो कम से कम वह इस स्थिति मे तो होंगे कि अपने घर के आगे-"पूर्व प्रधान मंत्री" की तख्ती टांग सकें ! भाजपा को छोड़कर बाकी सभी दलों मे अपनी स्वीकार्यता बढ़वाने की गरज से केजरीवाल जी ने  "भ्रष्टाचार" के मुद्दे को भी पीछे कर दिया और यह वक्तव्य देकर सर्वसाधारण मे हर्ष की लहर पहुँचा दी कि "सबसे बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार नही है, सबसे बड़ा मुद्दा तो "साम्प्रदायिकता" है ! " ठीक भी है, केजरीवाल जी ने पूरी ईमानदारी के साथ यह स्वीकार कर लिया कि उनका राजनीतिक विरोधी सिर्फ और सिर्फ एक है-"मोदी और भाजपा " -बाकी सभी लोग जो पिछले 65 सालों से देश को लूट रहे है-वे सब तो उनके लंगोटिया यार हैं !

यह मामूली सी बात शायद लोग समझ नही पा रहे है और वेवजह केजरीवाल का विरोध किये जा रहे है- चौधरी चरण सिंह,चंद्रशेखर,देव गौड़ा आदि कितने ही महान लोग इसी "शॉर्ट कट" के जरिये प्रधानमंत्री बन कर इस देश और उसकी जनता को धन्य कर चुके है-अगर आदरणीय केजरीवाल जी ने भी कुछ ऐसा ही सोच रखा है, तो उस पर भाजपा या फिर मोदी को ऐतराज क्यों है ? लालू,नीतीश,माया,ममता,मुलायम,राहुल,सोनिया और अपने वामपंथी भाईओं को भी केजरीवाल के इस दिवास्वप्न पर कोई ऐतराज नही है-शायद अब उमर अब्दुल्ला,फ़ारूक़ अब्दुल्ला और पाकिस्तान को भी ना हो क्योंकि अब तो केजरीवाल जी ने "सेकुलरिज्म" मे पी एच डी करके उत्तर प्रदेश की एक यूनिवर्सिटी मे "पाकिस्तान ज़िंदाबाद" के नारे लगाने वाले 67 देशद्रोहियों के खुलकर समर्थन मे आकर अपने लिये भारत के साथ साथ पाकिस्तान मे भी  पी एम की जगह पक्की कर ली है !

पाकिस्तान मे तो वैसे भी अस्थिर सरकारों का ही माहौल रहता है, वहा अपने केजरीवाल जी का स्टाइल एक दम हिट हो जायेगा- जब तक मन मे आये काम करो, जब कुछ ना हो सके तो सारा ठीकरा भाजपा के ऊपर फोड़कर, जनता के खर्चे पर अगले चुनाव की तैयारी मे लग जाओ ! वैसे केजरीवाल जी की तो इसमे कोई गलती नही है-वे तो एकदम सही जा रहे है और ऐसे ही चलते रहे तो वे एक ना एक दिन भारत के नही तो किसी दुश्मन देश के प्रधानमंत्री जरूर बन जायेंगे और अपने साथ अपने देशद्रोही,अलगाववादी,माओवादी और आतंकवादी समर्थकों को भी  वहीं ले जायेंगे! हाल ही मे पाकिस्तान मे आम आदमी पार्टी की स्थापना शायद इसी मद्देनज़र की गयी है !

केजरीवाल जी के एक पुराने साथी और पार्टी के सह-संस्थापक आश्विनी उपाध्याय जी ने केजरीवाल के ही स्टाइल मे उन्हे 20 सवालों का पन्ना पकड़ा दिया है-उसमे मुख्य रूप से सवाल यह किये गये है कि आदरणीय केजरीवाल जी, कांग्रेस पार्टी और उसके करप्शन के खिलाफ आपकी जबान पथरा क्यों जाती है -और यह नक्सलियों,माओवादियों,देशद्रोहियों और आतंकवादियों को लोकसभा के टिकट बांटकर क्या साबित करना चाहते हो ? अपने इस जीवन मे केजरीवाल या फिर उनके कोई समर्थक इन सवालों का जबाब दे पायेंगे, इसकी संभावना तो लगभग ना के बराबर है क्योंकि खुद केजरीवाल और इनके सारे समर्थकों ने आम आदमी पार्टी को मोदी के खिलाफ दुष्प्रचार की मशीन बना लिया है !

केजरीवाल के चेहरे पर उडती हुई हवाइयां और दिलचस्प बौखलाहट का सिर्फ एक ही कारण नज़र आता है कि पूरे देश मे मोदी से ज्यादा लोकप्रिय व्यक्ति इस समय कोई है नही और केजरीवाल जी को तो प़ूरे देश की जनता तभी जान पायेगी जब वे मोदी नाम की 24 घंटे माला का जाप करते रहेंगे !मोदी नाम की माला जपने से ही 24 घंटे का गारंटीड मीडिया अटेंशन मिल सकता है ! मोदी को टारगेट करने की नीयत से कुछ स्टिंग भी "मीडिया सैटिंग" के जरिये बनबाये जा रहे है, लेकिन यहाँ भी हड़बड़ी इन्हे खुद को ही ले डूबी-उस हड़बड़ी मे एक स्टिंग अपना भी बन गया और इससे पहले कि मोदी के फर्ज़ी स्टिंग आते, इनका अपना असली स्टिंग जनता के सामने आ गया ! जल्द काम शैतान का होता है, यह तो हमने सुना भर था-अब देख भी लिया !

लगता है डर से थर थर कांप रहे केजरीवाल जी को मोदी नाम की अनवरत माला जपनी पड़ेगी-पर यह बात तो उनके समर्थकों को कुछ हज़म होगी नही-लिहाज़ा इनके अंध समर्थकों की आत्मा की शान्ती के लिये यही लिखना पड़ेगा कि मोदी केजरीवाल से डर गये हैं और मीडिया का अटेंशन पाने के लिये वेवजह ही केजरीवाल जी को टारगेट कर रहे हैं.
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rajeevg@hotmail.com
Published on 13/3/2014

मोदी के हाथों बिका हुआ है सारा मीडिया ?

जब से मीडिया ने केजरीवाल जी और उनकी ईमानदार पार्टी की 24 घंटे की जाने वाली आरती का प्रकाशन -प्रसारण कुछ कम किया है,केजरीवाल जी  मीडिया से खासे नाराज़ चल रहे हैं ! उनका यह भी कहना कि सारा का सारा मीडिया मोदी और भाजपा के हाथों बिका हुआ है ! केजरीवाल जी सिर्फ यही पर नही रुके और मीडिया को बाकायदा धमकाते हुये उन्होने यह भी कह दिया कि अगर मीडिया इसी तरह मोदी और भाजपा के हाथों बिकता रहा तो उसको जेल भेज दिया जायेगा !

केजरीवाल जी की बात मे कुछ ना कुछ तो दम है क्योंकि उसका सुबूत तो केजरीवाल जी के यू ट्यूब पर लीक हुये वीडियो से ही मिल जाता है जहां पर पूरी दुनिया यह देख सकती है कि दरअसल मीडिया को कौन खरीद रहा है और कौन बेच रहा है ! इस यू ट्यूब के वीडियो मे दरअसल केजरीवाल जी अपने इंटरव्यू की सैटिंग थोड़े ही कर रहे थे-वे बेचारे तो नरेन्द्र मोदी और भाजपा के किसी इंटरव्यू की सैटिंग करते हुये रंगे हाथों पकड़े गये थे-इसलिये उनका यह कहना बिल्कुल सही है कि सारा मीडिया मोदी और भाजपा के हाथों बिका हुआ है और केजरीवाल जी प्रधानमंत्री बने या ना बने, उसे जेल तो भेज ही देंगे-आखिर शीला दीक्षित को भी तो उन्होने किस खूबसूरती के साथ जेल भिजवा कर ही दम लिया-लिहाज़ा उनकी बात का हर आम और खास को पूरा विश्वास करना ही चाहिये !

पिछले लगभग दस सालों से जो मीडिया मोदी के खिलाफ दुष्प्रचार मे लगा हुआ था वह भी मेरे ख्याल से मोदी या भाजपा की अपनी ही कोई चाल रही होगी और मोदी या भाजपा ने ही मीडिया को खरीदकर कहा होगा कि तुम लोग 24 घंटे गुजरात दंगों के लिये वेवजह ही मोदी और भाजपा को कोसते रहो चाहें वह मामला अदालत मे चल रहा हो और अदालतें बार बार मोदी को क्लीन चिट भी दे रही हों-लेकिन यह मामला मीडिया की नज़र से नही हटना चाहिये और मोदी के खिलाफ यह दुष्प्रचार हर हाल मे जारी रहना चाहिये !

दुष्प्रचार भी तो एक तरह का प्रचार ही है और मीडिया के तो बराबर पैसे लगते है चाहे प्रचार. किया जाये या दुष्प्रचार किया जाये-लिहाज़ा मीडिया को तो बिकना ही है-मीडिया सिर्फ एक ही सूरत मे बिका हुआ नही माना जायेगा-वह स्थिति तब होगी जब सारा का सारा मीडिया 24 घंटे केजरीवाल जी और उनकी आम आदमी पार्टी के गुणगान करता रहे और उनके सारे दुष्कर्मों की अनदेखी करके उन पर पर्दा डालता रहे-अगर मीडिया ऐसा करता है तो वह आराम से चैन की सांस लेता हुआ अपना "केजरीवाल गुणगान" जारी रख सकता है और फिर शायद उसे जेल जाने की भी जरूरत ना पड़े

मीडिया के एक सज्जन तो केजरीवाल के हस्तक्षेप के  बिना ही गोआ की जेल मे चक्की पीसने को मजबूर हैं-अगर इन्हे जेल ना हुई होती तो औरों की तरह इन्हे भी आम आदमी पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने का सुअवसर प्राप्त हो जाता ! इनकी पूरी कोशिश है कि लालू की तरह यह भी जेल से बाहर निकलने मे कामयाब हो जाएं और केजरीवाल जी की अनुकंपा जैसे बाकी के मीडिया वालों पर हुई है, शायद इन पर भी हो जाये!

केजरीवाल जी के मीडिया मे जो मित्र ब्लॉग और लेख लिखने वाले हैं, केजरीवाल जी की हाल की करतूतों और दुष्कर्मों से शरमाकर कुछ देर के लिये ओझल हो गये थे, वे सब दुबारा से अवतरित हो गये है और केजरी गुणगान की जगह केजरीवाल जी के ही अंदाज़ मे मोदी को लताड़ने का काम शुरु कर दिया है ! कोई मोदी को मूर्ख और झूठा बता रहा है तो कोई मोदी को डरपोक बताकर अपना जीवन धन्य किये जा रहा है !
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rajeevg@hotmail.com
Published on 15/3/2014

केजरीवाल :"महानायक" से "खलनायक" बनने तक का सफर !

आम तौर पर किसी भी नेता को महानायक से खलनायक बनने की जरूरत इसलिये नही पड़ती है कि उनमे से ज्यादातर तो महानायक कहलाने के काबिल ही नही होते हैं और जो लोग होते हैं, उनमे से कुछ का सफर नायक पर और कुछ का खलनायक पर खत्म तो होता है,लेकिन उसमे खासा वक्त लगता है ! अपनी हड़बड़ी के लिये मशहूर केजरीवाल जी यहाँ इसका अपवाद ही कहे जायेंगे-इनका सफर अन्ना आन्दोलन के समय एक ठीक ठाक "महानायक" की तरह ही हुआ था और इनकी सादगी,विनम्रता, साफगोई और जनसाधारण से जुड़ने की इनकी जो प्रबल इच्छा शक्ति थी, उसीके चलते लोगों ने इन्हे सिर् आँखों पर बिठाया जिसका परिणाम हमने रामलीला मैदान, जन्‍तर मन्‍तर और इंडिया गेट पर इकट्ठा हुये अपार जनसमूह के रूप मे भी देखा !

केजरीवाल चाहते तो महानायक बने रह सकते थे ! लेकिन महानायक भी गलतियाँ करते हैं- जब ऐसा लग रहा था कि लोहा लगभग पूरी तरह गर्म होने वाला है और सरकार जैसे तैसे करके अन्ना के मन मुताबिक जनलोकपाल बिल लाने ही वाली थी, उसी समय इन लोगों के सब्र का पैमाना टूट गया और इन्होने अपनी राजनीतिक पार्टी बना डाली ! पार्टी बनने का मतलब था कि यह सीधे महानायक की पदवी से लुढ़ककर नायक बन गये- नायक भी बने रह सकते थे और ऐसा नही है कि आदमी नायक बनकर कुछ अच्छा काम नही कर सकता ! आखिर सब लोगों मे तो इतना सब्र नही होता कि वे महानायक की भूमिका निभायें लेकिन यह उम्मीद तो जनता कर ही सकती है कि आदमी जनहित मे नायक की भूमिका तो निभाये !

पुरानी कहावत है की सत्ता आदमी को भ्रष्ट कर देती है और सम्पूर्ण सत्ता आदमी को पूरी तरह से भ्रष्ट करती है ! दुर्भाग्य से यही केजरीवाल के साथ यही हुआ और लोगों ने उन्हे अपने सर आँखों पर बिठाकर अपना विश्वाश उनके हाथों मे सौंपा था,मौका लगते ही उन्होने उसका दुरुपयोग किया और सत्ता के लालच मे उन्होने दिल्ली की जनता के साथ विश्वासघात करते हुये, भ्रष्टाचार के मुद्दों को पीछे छोड़ते हुये,दिल्ली की जनता को उसके हाल पर छोड़कर लोकसभा चुनावों मे कूदने की षड्यंत्रकारी योजना बना डाली जिसकी स्क्रिप्ट उन्होने बहुत पहले से तैयार कर रखी थी-उनके "मीडिया सैटिंग" का यू ट्यूब पर जो वीडियो लीक हुआ है,वह भी इसी बात की पुष्टि करता है! देखा जाये तो 14 फरवरी 2014 को ही केजरीवाल जी और ज्यादा पतन हुआ और वे नायक से लुढ़ककर सीधे खलनायक बन गये-इसके बाद जो हुआ उसके बारे मे पहले ही बहुत विस्तार से लिखा जा चुका है और आगे भी लिखा जाता रहेगा ! तरह तरह की नरपिशाची और देशद्रोही ताकतें एक एक करके केजरीवाल जी से जुड़ती गयी और फिर अकेले केजरीवाल ही खलनायक नही रह गये, वरन इनकी पूरी पार्टी को ही खलनायक पार्टी मे तब्दील कर दिया !

दिलचस्प बात यह है कि अभी तक लोग हरेक राजनीतिक दल मे कोई ना कोई बुराई देख रहे थे और उससे दूर जाने का विकल्प तलाश रहे थे-अब हो यह गया कि सभी पार्टियों की सभी बुराइयां अब एक ही पार्टी मे समाहित हो गयी है-दुर्भाग्य यह है कि इसके वावजूद यह पार्टी अपने आपको सबसे ज्यादा ईमानदार बता रही है- इस छलावे मे लोग कब तक आते हैं, यह तो आने वाला समय ही बतायेगा लेकिन तब तक केजरीवाल जी की महानायक से खलनायक बनने की यात्रा भी पूरी हो चुकी होगी !
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rajeevg@hotmail.com
Published on 18/3/2014

केजरीवाल राजनीति नही, व्यवस्था परिवर्तन करने आये हैं !

केजरीवाल जी राजनीति नही, व्यवस्था परिवर्तन करने के लिये आये हैं-इस बात को खुद केजरीवाल, उनके साथी नेतागण,कार्यकर्ता और समर्थक हज़ारों बार चिल्ला चिल्ला कर कह चुके हैं ! राहुल,सोनिया,मनमोहन,लल्लू,माया,ममता,मुलायम,नीतीश सरीखे आला दर्जे के राजनेताओं और उनकी तथाकथित पार्टियों ने भी केजरीवाल जी के इस कदम का तहेदिल से स्वागत किया है और उन्हे उनके इस अभियान मे पूरा सहयोग करने का वचन भी दिया है ! वाम दलों की सहमति तो पहले से ही केजरीवाल जी के साथ ही थी ! सारे झगड़े और फसाद की जड भाजपा और उसके नेतागण हैं जो केजरीवाल जी की इस दूरदर्शिता को समझ नही पा रहे हैं और उन्हे वेवजह ही दिन रात लताड रहे हैं !

दरअसल हम लोगों के साथ परेशानी ही यह है कि जब भी कोई "अच्छा और ईमानदार आदमी " राजनीति की जगह व्यवस्था परिवर्तन करना चाहता है,हम उसे लताडना शुरु कर देते हैं ! आगे कुछ लिखने से पहले एक नज़र जरा केजरीवाल जी के तथाकथित व्यवस्था परिवर्तन पर भी डाल लेते हैं, ताकि जो भाजपा और उनके कमअक्ल समर्थक हैं,उनकी आंखे भी खुल सकें और वे केजरीवाल जी के इस अभूतपूर्व व्यवस्था परिवर्तन का पूरा आनन्द उठा सकें :

1.अभी तक व्यवस्था यह थी कि लोकसभा के चुनावों मे केन्द्र मे जिस पार्टी की सरकार हो, उसके खिलाफ चुनाव लड़े जाते थे- केजरीवाल जी ने क्रांतिकारी कदम उठाते हुये इस व्यवस्था मे परिवर्तन लाने का फैसला किया है और वे लोकसभा चुनावों मे केन्द्र मे पिछले 10 सालों से दुष्कर्म कर रही कांग्रेस पार्टी की वजाये, विपक्ष और उसके पी एम प्रत्याशी मोदी को ही अपने निशाने पर लेने को व्यवस्था परिवर्तन मानते हैं! किसी दोषी आदमी को दंड देने की व्यवस्था अब पुरानी हो चुकी है-अब तो दंड उसे दिया जायेगा जिसका कोई दोष ना हो- इसी तर्ज़ पर केन्द्र मे बैठी सरकार के दुष्कर्मों का सारा दंड अब विपक्ष मे बैठी भाजपा भुगतने के लिये तैयार रहे !


2.अभी तक यह भी व्यवस्था थी कि लोकसभा चुनावों मे केन्द्र मे बैठी दुष्कर्मों मे लिप्त सरकार के कामकाज पर मीडिया मे जोर शोर से चर्चा हो-यह व्यवस्था सड़ी गली है-केजरीवाल जी चाहते हैं कि केन्द्र मे बैठी सरकार ने पिछले 10 सालों मे जितने मर्ज़ी दुष्कर्म किये हों, उनकी चर्चा का मौका मीडिया को हर्गिज़ नही देना चाहिये-लिहाज़ा केजरीवाल और उनके सभी सखा सहयोगियों ने यह फैसला किया है कि वे सब मिलकर 24 घंटे ऐसी ऐसी रोचक नौटकियां किया करेंगे कि मीडिया उन्ही को दिखाने मे 24 घंटे उलझा रहे और केन्द मे बैठी सरकार के दुष्कर्मों पर चर्चा करने के लिये मीडिया के पास समय ही ना बचे !

3. एक और वाहियात सी व्यवस्था अभी तक मौजूद है-वह यह कि देशद्रोहियों,आतंकवादियों और अलगाववादियों को वेवजह ही कड़ा दंड दिया जाता है-इन लोगों को अपना काम बेरोकटोक करते देना चाहिये ! अभी हाल ही मे मेरठ की एक यूनिवर्सिटी मे 67 देशद्रोहियों ने "पाकिस्तान जिंदाबाद" के नारे लगाये तो यू पी की सरकार ने उन पर केस दर्ज़ करने का नाटक किया और जैसे ही प्रदेश के मुख्य मंत्री जी को उमर अब्दुल्ला और केजरीवाल जी की भावनाओं का पता चला, उन्होने केस वापस लेने मे एक पल की भी देर नही लगाई-आखिर केजरीवाल जी व्यवस्था परिवर्तन करना चाहते है और किसी "सेक्युलर" आदमी की क्या मज़ाल जो इसका विरोध कर सके !

अब यह सवाल तो केजरीवाल जी से कोई पूछ नही सकता कि व्यवस्था परिवर्तन की यह रोचक और आनंदवर्धक नौटंकी वे किसके इशारे पर और किसको फायदा पहुंचाने के लिये कर रहे हैं-क्योंकि नयी व्यवस्था के अनुसार सवाल पूछने का अधिकार सिर्फ और सिर्फ केजरीवाल जी को है !
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Published on 21/3/2014

क्या AK-47 टिक पायेगी AK-49 के सामने ?

खूब चाव से देख रहे  सब झाडू वाली नौटंकी !
कठपुतली भी शर्माती हैं, देख हमारी नौटंकी!!

"देशप्रेम" तो "राजनीति" है, "देशद्रोह" है "जनसेवा"
हमको  तो जारी  रखनी है, जनसेवा  की  नौटंकी !!

सदा कैमरों मे हम रहते इस नौटंकी की खातिर
हमको तो है जान से प्यारी, अपनी न्यारी नौटंकी

फूलों का जो नही मिले तो, जूतों का ही हार मिले
मेहनत तो हमने भी की है, खूब रचाई नौटंकी !!

फेल हुई AK-47 , अब AK-49 की बारी है !
दोनो  की प्रतिस्पर्धा  मे भारी पड़ती नौटंकी !!

AK-47 और AK-49 का रिश्ता  बड़ा पुराना है !
दोनो का ही एक निशाना-बने "बनारस" नौटंकी !!

जिन मुददों पर आये यहाँ तक, उन मुददों को भूल गये
जनता  क्या इतनी  पागल है, नही समझती नौटंकी ?

दौड़ा- दौड़कर  के जनता, हमे  खूब  तब  मारेगी !
अगर कहीं ये फ्लॉप हो गयी, सबकी प्यारी नौटंकी

हार जीत से नही वास्ता, हम तो बस  कठपुतली हैं !
कुछ भी हो मोदी रुक जाये, तभी सफल हो नौटंकी !!
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Published on 27/3/2014

पी एम पद की दौड़ मे मोदी किस नंबर पर ?

आजकल टेलीविजन पर "कौन बनेगा प्रधानमंत्री ?" नाम से खूब कार्यक्रम दिखाये जा रहे हैं-ठीक भी है जब लोकसभा चुनाव सर पर हों और हर ऐरे गैरे नत्थू खैरे को पी एम बनने के सपने दिन दहाड़े आ रहे हों,तो इस तरह के प्रोग्राम अगर टेलेविजन पर 24 घंटे भी दिखाये जाएं, तो उसमे मेरे हिसाब से कोई हर्ज़ नही है ! जनता को यह जानने का पूरा हक है कि उनके देश का प्रधानमंत्री कैसा और किस पार्टी से होना चाहिये ! पिछले लगभग 66 सालों से हमारे देश मे "सेकुलरिज्म" के नाम पर जो देश विरोधी और जन विरोधी माहौल बनाया जा रहा है और जिसका मीडिया अपनी पूरी जी जान से मेहनत लगा लगाकर प्रचार कर रहा है, उसके चलते आम राय यही बन रही है कि हमारा देश एक धर्म निरपेक्ष देश है और उसका प्रधानमंत्री भी किसी बहुत बड़े "धर्मनिरपेक्ष" नेता (मीडिया की जुबान मे "सेक्युलर" नेता) को बनना चाहिये !

अब हमारे यहाँ कौन कौन से नेता ऐसे हैं जो इस "सेकुलरिज्म" की कसौटी पर पूरी तरह से खरे उतरते है, उनकी लिस्ट पर भी गौर कर लिया जाये :

1. सभी मोर्चों पर बुरी तरह मार खाकर पिछड़ रहे राहुल गाँधी इस कसौटी पर पूरी तरह खरे उतरते हैं और उन्हे 100 मे से 100 अंक दिये जा सकते है- इनकी पार्टी मे ऐसे ऐसे दिग्गज नेता रह चुके है जिन्होने देश की आन बान शान की रक्षा के लिये श्री हाफ़िज़ सईद और श्री ओसामा बिन लादेन जी जैसे देशभक्तों की शान मे कभी कोई गुस्ताखी नही की- इनकी सरकार के गृह मंत्री पहले ही इस तरह के आदेश जारी कर चुके हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय के किसी भी निर्दोष व्यक्ति को गिरफ्तार ना किया जाये( जैसे कि कोई निर्दोष है या दोषी इसका फैसला करना अदालत का नही,पुलिस का काम है) -लिहाज़ा कांग्रेस पार्टी का "सेकुलरिज्म" के मामले मे बड़ा ही गौरवशाली इतिहास रहा है और इसलिये इनकी पार्टी के राहुल गाँधी जी पी एम बनने के लिये सबसे प्रबल"सेक्युलर" दावेदार हैं.

2.दिल्ली मे 49 दिनो मे सरकार चलाकर प़ूरे देश की जनता को भ्रष्टाचार से पूरी तरह निज़ात दिलाने वाले अरविन्द केजरीवाल इस दौड़ मे दूसरे नंबर पर आते है! केजरीवाल जी यह समझते हैं कि शीला दीक्षित के गवर्नर बनने के साथ ही भ्रष्टाचार इस देश से पूरी तरह समाप्त हो चुका है- इसलिये उन्होने भी अब अपने आपको पूरी तरह से "सेक्युलर" घोषित कर दिया है- इस कोशिश मे कि "सेकुलरिज्म" मे उन्हे किसी दूसरे नेता से कम करके न आंक लिया जाये उन्होने बहुत सारे "सेक्युलर" लोगों की अपनी पार्टी मे भरती कर डाली है-अभी हाल ही मे मेरठ की एक यूनिवर्सिटी मे 67 देशद्रोहियों के खुलकर समर्थन मे आने के बाद उन्होने यह भी साबित कर दिया कि "सेकुलरिज्म" के मामले मे वे उमर अब्दुल्ला और मुलायम सिंह यादव से बिल्कुल भी पीछे नही है, बल्कि दो कदम आगे ही हैं- "मोदी" का 24 घंटे किया जाने वाला विरोध करना उनकी अतिरिक्त योग्यता ही समझी जानी चाहिये

3. इन दोनो के अलावा जो और "सेक्युलर" उम्मीदवार पी एम बनने की दौड़ मे शामिल हैं, उनमे जेल मे चक्की पीस कर कुछ दिनो के लिये बाहर आये लल्लू यादव,मुलायम सिंह,मायावती,ममता और नीतीश जैसे बड़े नेताओं के नाम शामिल हैं ! इन्होने "सेकुलरिज्म" के क्षेत्र मे जो योगदान दिया है उसके बारे मे कुछ भी कहना सूरज को दिया दिखाने जैसा ही है !

राष्ट्रवादी सोच और विचारधारा वाले मोदी जैसे नेता जो यह चाहते हों कि देश का भी विकास हो और देश मे रहने वाला हर व्यक्ति भी खुशहाल हो (चाहे वह किसी भी धर्म,सम्प्रदाय या जाति का हो)- अगर ऐसा कोई नेता हुआ तो उसे "सेक्युलर" नही माना जायेगा और उसे पी एम बनने से रोकने की हर संभव कोशिश इन "सेक्युलर" नेताओं के द्वारा की जायेगी !
Published on 31/3/2014

रोक नही सकता अब कोई मोदी की सरकार !

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देशद्रोहियों  पर अब  होगी कोडों की बौछार !
क्योंकि अब आने वाली है मोदी की सरकार !!

मोदी-विरोधियों की अब पड़ेगी जमकर मार !
आयेगी  जब अबकी  बार मोदी की सरकार !!

चीन और पाकिस्तान मे- मचा है हाहाकार !
आने वाली है क्योंकि अब, मोदी की सरकार !!

नही  फैलने  पायेगा अब  आगे  भ्रष्टाचार !
आखिर अब तो आयेगी ही मोदी की सरकार !!

जाति-धर्म की राजनीति का होगा बंटाधार !
जब आयेगी  देश  मे मोदी  की  सरकार !!

हर हाथ को काम मिलेगा, निर्बल को अधिकार !
आने  ही वाली है  अब तो मोदी की सरकार !!

राम-रहीम, श्याम-सलीम-सबकी यही पुकार !
अब तो बस आ  जाने दो मोदी  की सरकार !!

झेल चुके 66 सालों से  व्यापक अत्याचार !
जल्दी ही आ जाये अब तो मोदी की सरकार !!

गद्दारों जितना मर्ज़ी तुम कर लो दुष्प्रचार !
रोक नही सकता अब कोई मोदी की सरकार !!

देश छोड़कर भाग जायेंगे, सबके सब गद्दार !
जैसे ही बनने को होगी मोदी की सरकार !!
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rajeevg@hotmail.com
Published on 2/4/2014

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