Saturday, July 12, 2025

सुहागरात में ही वाइफ को बना दिया सेक्स स्लेव

 

अजय की अभी अभी शहर के एक बड़े बैंक में अफसर की नौकरी लगी थी। कम्पटीशन पास करने पर उसे डायरेक्ट बैंक में अफसर बना दिया गया था। 

अजय देवपुरा गांव का रहने वाला था लेकिन बैंक की नौकरी के चलते वह शहर में ही आकर बैंक अफसर कॉलोनी में मिले फ्लैट में रहने लगा।

बैंक अफसर बनते ही उसके गांव में रह रहे मम्मी पापा वगैरा का उस पर जल्दी शादी करने के लिए दबाब पड़ने लगा। अजय चाहता था कि उसकी शादी शहर की किसी पढ़ी लिखी मॉडर्न लड़की से हो लेकिन उसके घर वाले गाँव की ही किसी लड़की से अजय की शादी कर देंना चाहते थे। 

अजय बैंक में ही काम कर रहे अपने एक दूसरे दोस्त विनय से इस बारे में चर्चा करने लगा।

विनय बोला: देख यार। मैं भी पास के लखनपुर गाँव से ही हूँ और मैंने शादी अपने माँ बाप की मर्ज़ी के अनुसार गाँव की ही एक लड़की से की है और मैं इस शादी से बहुत ज्यादा खुश हूं।

अजय बड़ा हैरान होकर उससे पूछने लगा: क्या बात कर रहा है? गाँव की अनपढ़ लड़की से शादी करके तू बहुत खुश कैसे है?

विनय : देख भाई। शादी किसलिए करते हैं हम ? लड़कों को शादी के बाद क्या चाहिए होता है?

अजय : शादी के बाद हमे एक पढ़ी लिखी खूबसूरत वाइफ चाहिए होती है।

विनय : देख भाई। पढ़ी लिखी वाइफ और गाँव की अनपढ़ वाइफ के अपने अपने फायदे नुकसान हैं। मुझे गाँव की अनपढ़ वाइफ में ज्यादा फायदे दिखे इसलिए मैंने उससे शादी कर ली।


अजय अभी भी हैरान होकर विनय की तरफ देख रहा था।

विनय उसकी हैरानी को दूर करने के लिए बोला: ऐसा कर। आज तू शाम को मेरे साथ मेरे घर चल। आज शाम का चाय नाश्ता मेरे घर पर कर और इसी बहाने मेरी वाइफ से भी तेरी मुलाकात हो जाएगी। तुझे यह भी समझ आ जायेगा कि गाँव की वाइफ में ऐसा क्या है जो शहर की पढ़ी लिखी वाइफ में कभी नही मिल सकता।

शाम तो बैंक बंद होने के बाद अजय को विनय अपने घर लेकर आ गया। उसकी शादी भी अभी हाल ही में लगभग 6 माह पहले ही हुई थी।

विनय अजय को लेकर ड्राइंग रूम में आ गया और उसे अपने साथ ही सोफे पर बिठाते हुए बोला: अब तू चुपचाप देखता जा कि गाँव की अनपढ़ लेकिन खूबसूरत वाइफ के क्या फायदे होते हैं।

विनय ने रौबीली आवाज़ में अपनी वाइफ को बुलाया: माधुरी 2 गिलास पानी लेकर आओ।



कुछ ही देर में विनय की वाइफ एक प्लेट में दो गिलास पानी के लेकर आ गयी। माधुरी बला की खूबसूरत थी और उसने एक टाइट मैक्सी पहनी हुई थी जिसमे उसकी मस्त फिगर साफ़ नज़र आ रही थी। 

अजय और विनय ने गिलास उठाकर पानी पी लिया तो माधुरी दोनों खाली गिलास उठाकर वापस जाने लगी लेकिन विनय ने अपनी वाइफ को रोक दिया और उसे उंगली के इशारे से बुलाते हुए कहा: इधर आओ मेरे पास।

माधुरी ने गिलास की प्लेट टेबल पर वापस रख दी और विनय के एकदम नज़दीक आकर खड़ी हो गई।

अजय का लण्ड उसकी पैंट में अब तक तनकर खड़ा हो चुका था लेकिन अभी असली ड्रामा बाकी था।

विनय : पानी पिलाने के बाद तुम्हे कुछ और भी काम करना होता है। तुम आज वह काम करना भूल गयी इसलिए अब तुम्हे सज़ा मिलेगी। चलो कान पकड़ो और 10 उठक बैठक लगाओ।

माधुरी ने अपने कान पकड़ लिए और उठक बैठक लगाने लगी।
जब 10 उठक बैठक लगा चुकी तो विनय ने फिर से माधुरी को रौबीली आवाज़ में आर्डर दिया: अब वह काम करो जिसके न करने की तुम्हे सज़ा मिली है।

अजय एकदम हैरान होकर इस सारे तमाशे को देख रहा था। उसने कभी सपने में भी नही सोचा था कि कोई वाइफ ऐसा भी कर सकती है जैसा माधुरी कर रही थी। लेकिन अब जो हो रहा था, उसे देखकर अजय और भी हैरान हो गया।

माधुरी विनय की दोनों टाँगों के पास घुटनों के बल बैठी उसके जूते उतार रही थी। जूते उतारने के बाद उसने विनय के मोजे भी उतारे। विनय ने अपने एक पैर को उठाकर उसे माधुरी के चेहरे पर रगड़ते हुए कहा: दुबारा यह गलती नही होनी चाहिए। चलो अब उठो और हम लोगों के लिए चाय लेकर आओ।

माधुरी वहाँ से चली गई तो विनय ने अजय की तरफ देखकर हंसते हुए कहा: अब बता, क्या शहर की पढ़ी लिखी वाइफ यह सब करेगी जो माधुरी कर रही है? इसे मैं 24 घण्टे अपने इशारों पर इसी तरह नचाता हूँ। यह वह सब करती है जो मैं इसे करने के लिए कहता हूँ। इसकी हालत एकदम"चल बैठ जा, बैठ गयी और खड़ी हो जा, खड़ी हो गई" वाली है। शहर की लड़की से यह सब करवाना नामुमकिन है।

अजय की हालत एकदम बेकाबू हो चली थी। उसका लण्ड उसकी पैंट में तनकर एकदम कड़क होकर खड़ा हो गया था। विनय अजय की इस हालत को अंदर ही अंदर अच्छी तरह समझ चुका था लेकिन अभी भी सरप्राइज बाकी था।


कुछ ही देर में माधुरी एक बड़ी सी ट्रे में चाय और नाश्ता लेकर आ गई। उसे देखते ही अजय एकदम हैरान होकर विनय की तरफ देखने लगा। उसका लण्ड अब पूरी तरह बेकाबू हो चला था। दरअसल माधुरी के बदन पर अब सिर्फ ब्रा और अंडरवियर ही था जिसमे उसका पूरा खूबसूरत बदन और फिगर एकदम साफ दिख रही थी।

विनय ने अजय की तरफ देखकर उसकी हैरानी को थोड़ा कम किया: भाई मैंने अपनी वाइफ को यह हिदायत दे रखी है कि शाम को जब भी मेरे लिए चाय लेकर आएगी उसे ऐसे ही कपड़ों में आना पड़ेगा वरना इसे बहुत सख्त सजा मिलती है। 

विनय ने माधुरी के हाथ से चाय की ट्रे पकड़े ली और उसकी तरफ देखकर बोला: चल अब जल्दी घोड़ी बनकर दिखा।

माधुरी अजय और विनय के सामने ही घोड़ी बनकर खड़ी हो गयी और विनय ने माधुरी की चिकनी पीठ पर चाय नाश्ते की ट्रे को रख दिया।

विनय जिस तरह से अपनी वाइफ के साथ अजय के सामने बदमाशी कर रहा था, अजय यह सोच सोचकर परेशान था कि यह अय्याश लौंडा अकेले में अपनी वाइफ के साथ क्या क्या करता होगा।

माधुरी के खूबसूरत जिस्म को टेबल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था। दोनों दोस्त चाय नाश्ता करने में व्यस्त थे।

विनय बीच बीच मे माधुरी के नितंबों पर हाथ फिरा रहा था और अजय की तरफ देखकर हंसते हुए कह रहा था: बोल ऐसी वाइफ शहर में मिलेगी क्या?

अचानक विनय के फोन की घण्टी बज उठी और वह वहाँ से उठकर जाने लगा। जाते जाते वह अजय से बोला: बॉस का फोन आया है। लम्बी बात चलेगी। 10-15 मिनट भी लग सकते हैं। तुम तब तक अपनी चाय और नाश्ता फिनिश कर लेना।

अजय के सामने अब माधुरी का खूबसूरत जिस्म था जिसे उसने इस समय चाय की टेबल बनाकर रखा हुआ था। चाय पीते पीते अब अजय ने भी माधुरी के बदन पर हाथ फिराना शुरू कर दिया। जब अजय ने देखा कि माधुरी किसी तरह का विरोध नही कर रही है तो उसकी हिम्मत बढ़ने लगी। 

अजय ने अपने दाएं पैर को उठाकर उसके जूते की नोक को माधुरी के होंठों पर फिराते हुए कहा: इसे अपने मुंह मे लो।
जब माधुरी ने बिना किसी विरोध के अजय के जूते की नोक को अपने मुंह मे ले लिया तो अजय समझ गया कि लौंडिया एकदम काबू में है। उसने चाय नाश्ते की ट्रे को माधुरी की पीठ पर से हटाकर एक तरफ रख दिया और उससे रौबीली आवाज़ में बोल: चल घुटनों के बल मेरी जाँघों के बीच बैठ और मेरा लण्ड चूस।

माधुरी बिना किसी विरोध के अजय के आगे घुटनों के बल बैठकर उसके लन्ड को अपने मुंह मे लेकर चूसने लगी। जिस तरह से माधुरी उसका लण्ड चूस रही थी, उससे लग रहा था कि विनय ने उसे बहुत बढ़िया ट्रेनिंग दी थी। अजय ने कुछ ही देर में अपना वीर्य रस माधुरी के मुंह मे छोड़ते हुए कहा: इसे पी जा साली। एक बूँद भी ज़मीन पर गिरी तो तुझे सख्त सजा मिलेगी।

माधुरी अजय के लण्ड से निकले सारे वीर्य को पीने के बाद उसके गीले लण्ड को अपनी जीभ से चाट चाटकर साफ भी करने लगी।

अजय की मानों लाटरी निकल आयी थी। अब उसने तय कर लिया कि वह भी विनय की तरह किसी गाँव की अनपढ़ गँवार लेकिन खूबसूरत लौंडिया को ही अपनी वाइफ बनाएगा ताकि जिस तरह विनय 


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