Thursday, July 24, 2025

कॉलेज प्रिंसिपल की अय्याशी की कहानियाँ








मिदनापुर जिले में अब तक लड़कियों के लिए कोई कालेज नही था और उन्हें पढ़ाई के लिए या तो दूसरे जिले में जाकर पढ़ना पड़ता था या फिर 12 वीं पास करके की बैठ जाना पड़ता था। शहर के बहुत बड़े सेठ धनपत राय का लड़का समीर जो अभी अभी विदेश से पढ़ाई पूरी करके वापस आया था, उसने अपने पिता को यह आईडिया दिया: पापा, हमे इस शहर में एक गर्ल्स कॉलेज खोल देना चाहिए। उसमे हमे बहुत कमाई होगी क्योंकि इस धंधे में हमारा कोई कम्पटीशन नही है। मैं उस कालेज का प्रिंसिपल बनने के लिए तैयार हूं। बाकी सारी व्यवस्था मैं कर लूंगा। आप सब मुझ पर छोड़ दो।

सेठ जी को अपने विदेश से पढ़कर लौटे 27 साल के बेटे की बात जँच गई और उन्होंने आनन फानन में अपने धन बल के जोर पर सेठ धनपत राय गर्ल्स डिग्री कॉलेज की स्थापना कर दी। कॉलेज में समीर खुद प्रिंसिपल बनकर निरंकुश होकर काम करने लगा। समीर बेहद अय्याश किस्म का लौंडा था और उसका गर्ल्स कॉलेज खोलने का आईडिया भी अपनी अय्याशी पूरी करने का एक जरिया मात्र था।

कॉलेज में उसने बेहद खूबसूरत लड़कियों को टीचर की पोस्ट पर रखकर उन सबके लिए भी ड्रेस कोड तय कर दिया। सभी टीचरों को ड्रेस कोड के हिसाब से ब्लैक कलर की टाइट ड्रेस में आना था। ड्रेस इस तरह की थी जिसमे सभी टीचरों की फिगर एकदम साफ दिखती रहे।

कॉलेज में जितनी भी लड़कियाँ पढ़ने के लिए आती थीं वे सभी 12 वीं पास होती थीं और लगभग 18 साल की होती थीं। उन सबके लिए भी समीर ने ड्रेस कोड तय कर दिया था। सभी लड़कियों को सफेद टाइट शर्ट और घुटनों से 2 इंच ऊपर तक की नीली स्कर्ट पहननी थी। यही नही, गर्ल्स स्टूडेंट को स्कर्ट के नीचे अंडरवियर और शर्ट के अंदर ब्रा भी सफेद रंग की ही पहननी थी।

समीर ने अपनी अय्याशी के लिए कॉलेज की स्टूडेंट्स के लिए बेहद सख्त नियम बना दिये थे: सभी लड़कियों के लिए जो नियम बनाये गए थे, उनकी लिस्ट कुछ इस प्रकार है:

1. सभी लड़कियाँ कॉलेज की बताई गई यूनिफार्म पहनकर ही कॉलेज आएंगी। कोई भी टीचर या प्रिंसिपल किसी भी लड़की की यूनिफार्म चेक कर सकता है। यूनिफार्म ठीक न होने पर प्रिंसिपल के पास जाकर लड़की को सज़ा लेनी होगी।

2. सभी लड़कियाँ ठीक 9 बजे सुबह को कॉलेज में दाखिल होकर अपनी इलेक्ट्रॉनिक अटेंडेंस दर्ज करेंगी। देर से आने वाली लड़कियों को प्रिंसिपल सर सज़ा देंगे।

3. जो लड़कियाँ अपना होम वर्क पूरा नही करेंगी, उन्हें भी प्रिंसिपल सर के पास जाकर सज़ा लेनी होगी।

4. हर महीने लड़कियों की लिखित परीक्षा ली जाएगी जिसमें कम से कम 60 प्रतिशत मार्क्स लाने जरूरी होंगे। जिनके मार्क्स 60% से कम होंगे उन लड़कियों को भी प्रिंसिपल सर के पास जाकर अपने लिए सज़ा की माँग करनी होगी।

5. कोई भी लड़की अगर अनुशासनहीनता करती हुई पाई गई, तो भी उसे प्रिंसिपल के पास जाकर सज़ा लेनी होगी।

समीर ने सारे नियम इस तरह से बनाये थे कि किसी भी टीचर के पास लड़कियों को सज़ा देने की कोई पावर नही थी। लड़कियां कुछ भी करें तो उसके लिए सज़ा सिर्फ समीर ही दे सकता था।

कॉलेज का पहला सेशन शुरू हो चुका था। पूरे जिले की लगभग 500 लड़कियों ने अलग अलग कोर्स के लिए कॉलेज में एडमिशन लिया था। समीर ने सभी क्लास रूम में सी सी टी वी कैमरे लगवा रखे थे और अपने प्रिंसिपल आफिस में बैठकर वह सभी क्लास रूम पर नज़र रखता था।

कॉलेज का आज पहला दिन था। टीचरों को समीर ने सख्त हिदायत दे रखी थी कि पहले दिन से ही नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए और जो लड़की नियमों का उल्लंघन करती पाई जाए उसे सज़ा के लिए समीर के पास भेजा जाए।

10 बजे से ही समीर के आफिस के बाहर लड़कियों की लाइन लगनी शुरू हो गयी। समीर का लण्ड अब एकदम खड़ा हो चुका था जिसे वह अपने हाथों से एडजस्ट करते हुए सहला रहा था। 


पुलिस थाना बना अय्याशी का अड्डा


 Coming Soon....

Saturday, July 12, 2025

गाँव की अनपढ़ वाइफ बन गई सेक्स स्लेव


 

अजय की अभी अभी शहर के एक बड़े बैंक में अफसर की नौकरी लगी थी। कम्पटीशन पास करने पर उसे डायरेक्ट बैंक में अफसर बना दिया गया था। 

अजय देवपुरा गांव का रहने वाला था लेकिन बैंक की नौकरी के चलते वह शहर में ही आकर बैंक अफसर कॉलोनी में मिले फ्लैट में रहने लगा।

बैंक अफसर बनते ही उसके गांव में रह रहे मम्मी पापा वगैरा का उस पर जल्दी शादी करने के लिए दबाब पड़ने लगा। अजय चाहता था कि उसकी शादी शहर की किसी पढ़ी लिखी मॉडर्न लड़की से हो लेकिन उसके घर वाले गाँव की ही किसी लड़की से अजय की शादी कर देंना चाहते थे। 

अजय बैंक में ही काम कर रहे अपने एक दूसरे दोस्त विनय से इस बारे में चर्चा करने लगा।

विनय बोला: देख यार। मैं भी पास के लखनपुर गाँव से ही हूँ और मैंने शादी अपने माँ बाप की मर्ज़ी के अनुसार गाँव की ही एक लड़की से की है और मैं इस शादी से बहुत ज्यादा खुश हूं।

अजय बड़ा हैरान होकर उससे पूछने लगा: क्या बात कर रहा है? गाँव की अनपढ़ लड़की से शादी करके तू बहुत खुश कैसे है?

विनय : देख भाई। शादी किसलिए करते हैं हम ? लड़कों को शादी के बाद क्या चाहिए होता है?

अजय : शादी के बाद हमे एक पढ़ी लिखी खूबसूरत वाइफ चाहिए होती है।

विनय : देख भाई। पढ़ी लिखी वाइफ और गाँव की अनपढ़ वाइफ के अपने अपने फायदे नुकसान हैं। मुझे गाँव की अनपढ़ वाइफ में ज्यादा फायदे दिखे इसलिए मैंने उससे शादी कर ली।


अजय अभी भी हैरान होकर विनय की तरफ देख रहा था।

विनय उसकी हैरानी को दूर करने के लिए बोला: ऐसा कर। आज तू शाम को मेरे साथ मेरे घर चल। आज शाम का चाय नाश्ता मेरे घर पर कर और इसी बहाने मेरी वाइफ से भी तेरी मुलाकात हो जाएगी। तुझे यह भी समझ आ जायेगा कि गाँव की वाइफ में ऐसा क्या है जो शहर की पढ़ी लिखी वाइफ में कभी नही मिल सकता।

शाम तो बैंक बंद होने के बाद अजय को विनय अपने घर लेकर आ गया। उसकी शादी भी अभी हाल ही में लगभग 6 माह पहले ही हुई थी।

विनय अजय को लेकर ड्राइंग रूम में आ गया और उसे अपने साथ ही सोफे पर बिठाते हुए बोला: अब तू चुपचाप देखता जा कि गाँव की अनपढ़ लेकिन खूबसूरत वाइफ के क्या फायदे होते हैं।

विनय ने रौबीली आवाज़ में अपनी वाइफ को बुलाया: माधुरी 2 गिलास पानी लेकर आओ।



कुछ ही देर में विनय की वाइफ एक प्लेट में दो गिलास पानी के लेकर आ गयी। माधुरी बला की खूबसूरत थी और उसने एक टाइट मैक्सी पहनी हुई थी जिसमे उसकी मस्त फिगर साफ़ नज़र आ रही थी। 

अजय और विनय ने गिलास उठाकर पानी पी लिया तो माधुरी दोनों खाली गिलास उठाकर वापस जाने लगी लेकिन विनय ने अपनी वाइफ को रोक दिया और उसे उंगली के इशारे से बुलाते हुए कहा: इधर आओ मेरे पास।

माधुरी ने गिलास की प्लेट टेबल पर वापस रख दी और विनय के एकदम नज़दीक आकर खड़ी हो गई।

अजय का लण्ड उसकी पैंट में अब तक तनकर खड़ा हो चुका था लेकिन अभी असली ड्रामा बाकी था।

विनय : पानी पिलाने के बाद तुम्हे कुछ और भी काम करना होता है। तुम आज वह काम करना भूल गयी इसलिए अब तुम्हे सज़ा मिलेगी। चलो कान पकड़ो और 10 उठक बैठक लगाओ।

माधुरी ने अपने कान पकड़ लिए और उठक बैठक लगाने लगी।
जब 10 उठक बैठक लगा चुकी तो विनय ने फिर से माधुरी को रौबीली आवाज़ में आर्डर दिया: अब वह काम करो जिसके न करने की तुम्हे सज़ा मिली है।

अजय एकदम हैरान होकर इस सारे तमाशे को देख रहा था। उसने कभी सपने में भी नही सोचा था कि कोई वाइफ ऐसा भी कर सकती है जैसा माधुरी कर रही थी। लेकिन अब जो हो रहा था, उसे देखकर अजय और भी हैरान हो गया।

माधुरी विनय की दोनों टाँगों के पास घुटनों के बल बैठी उसके जूते उतार रही थी। जूते उतारने के बाद उसने विनय के मोजे भी उतारे। विनय ने अपने एक पैर को उठाकर उसे माधुरी के चेहरे पर रगड़ते हुए कहा: दुबारा यह गलती नही होनी चाहिए। चलो अब उठो और हम लोगों के लिए चाय लेकर आओ।

माधुरी वहाँ से चली गई तो विनय ने अजय की तरफ देखकर हंसते हुए कहा: अब बता, क्या शहर की पढ़ी लिखी वाइफ यह सब करेगी जो माधुरी कर रही है? इसे मैं 24 घण्टे अपने इशारों पर इसी तरह नचाता हूँ। यह वह सब करती है जो मैं इसे करने के लिए कहता हूँ। इसकी हालत एकदम"चल बैठ जा, बैठ गयी और खड़ी हो जा, खड़ी हो गई" वाली है। शहर की लड़की से यह सब करवाना नामुमकिन है।

अजय की हालत एकदम बेकाबू हो चली थी। उसका लण्ड उसकी पैंट में तनकर एकदम कड़क होकर खड़ा हो गया था। विनय अजय की इस हालत को अंदर ही अंदर अच्छी तरह समझ चुका था लेकिन अभी भी सरप्राइज बाकी था।


कुछ ही देर में माधुरी एक बड़ी सी ट्रे में चाय और नाश्ता लेकर आ गई। उसे देखते ही अजय एकदम हैरान होकर विनय की तरफ देखने लगा। उसका लण्ड अब पूरी तरह बेकाबू हो चला था। दरअसल माधुरी के बदन पर अब सिर्फ ब्रा और अंडरवियर ही था जिसमे उसका पूरा खूबसूरत बदन और फिगर एकदम साफ दिख रही थी।

विनय ने अजय की तरफ देखकर उसकी हैरानी को थोड़ा कम किया: भाई मैंने अपनी वाइफ को यह हिदायत दे रखी है कि शाम को जब भी मेरे लिए चाय लेकर आएगी उसे ऐसे ही कपड़ों में आना पड़ेगा वरना इसे बहुत सख्त सजा मिलती है। 

विनय ने माधुरी के हाथ से चाय की ट्रे पकड़े ली और उसकी तरफ देखकर बोला: चल अब जल्दी घोड़ी बनकर दिखा।

माधुरी अजय और विनय के सामने ही घोड़ी बनकर खड़ी हो गयी और विनय ने माधुरी की चिकनी पीठ पर चाय नाश्ते की ट्रे को रख दिया।

विनय जिस तरह से अपनी वाइफ के साथ अजय के सामने बदमाशी कर रहा था, अजय यह सोच सोचकर परेशान था कि यह अय्याश लौंडा अकेले में अपनी वाइफ के साथ क्या क्या करता होगा।

माधुरी के खूबसूरत जिस्म को टेबल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था। दोनों दोस्त चाय नाश्ता करने में व्यस्त थे।

विनय बीच बीच मे माधुरी के नितंबों पर हाथ फिरा रहा था और अजय की तरफ देखकर हंसते हुए कह रहा था: बोल ऐसी वाइफ शहर में मिलेगी क्या?

अचानक विनय के फोन की घण्टी बज उठी और वह वहाँ से उठकर जाने लगा। जाते जाते वह अजय से बोला: बॉस का फोन आया है। लम्बी बात चलेगी। 10-15 मिनट भी लग सकते हैं। तुम तब तक अपनी चाय और नाश्ता फिनिश कर लेना।

अजय के सामने अब माधुरी का खूबसूरत जिस्म था जिसे उसने इस समय चाय की टेबल बनाकर रखा हुआ था। चाय पीते पीते अब अजय ने भी माधुरी के बदन पर हाथ फिराना शुरू कर दिया। जब अजय ने देखा कि माधुरी किसी तरह का विरोध नही कर रही है तो उसकी हिम्मत बढ़ने लगी। 

अजय ने अपने दाएं पैर को उठाकर उसके जूते की नोक को माधुरी के होंठों पर फिराते हुए कहा: इसे अपने मुंह मे लो।
जब माधुरी ने बिना किसी विरोध के अजय के जूते की नोक को अपने मुंह मे ले लिया तो अजय समझ गया कि लौंडिया एकदम काबू में है। उसने चाय नाश्ते की ट्रे को माधुरी की पीठ पर से हटाकर एक तरफ रख दिया और उससे रौबीली आवाज़ में बोल: चल घुटनों के बल मेरी जाँघों के बीच बैठ और मेरा लण्ड चूस।

माधुरी बिना किसी विरोध के अजय के आगे घुटनों के बल बैठकर उसके लन्ड को अपने मुंह मे लेकर चूसने लगी। जिस तरह से माधुरी उसका लण्ड चूस रही थी, उससे लग रहा था कि विनय ने उसे बहुत बढ़िया ट्रेनिंग दी थी। अजय ने कुछ ही देर में अपना वीर्य रस माधुरी के मुंह मे छोड़ते हुए कहा: इसे पी जा साली। एक बूँद भी ज़मीन पर गिरी तो तुझे सख्त सजा मिलेगी।

माधुरी अजय के लण्ड से निकले सारे वीर्य को पीने के बाद उसके गीले लण्ड को अपनी जीभ से चाट चाटकर साफ भी करने लगी।

अजय की मानों लाटरी निकल आयी थी। अब उसने तय कर लिया कि वह भी विनय की तरह किसी गाँव की अनपढ़ गँवार लेकिन खूबसूरत लौंडिया को ही अपनी वाइफ बनाएगा ताकि जिस तरह विनय अपनी अनपढ़ गँवार वाइफ को अपनी सेक्स स्लेव बनाकर मज़े ले रहा है, वह भी इसी तरह जिंदगी के मज़े लूट सके।

उस दिन अजय जब विनय से मिलकर वापस घर आया तो उसने फोन करके अपनी मम्मी को गाँव मे बता दिया कि वह अब उनकी मर्जी के अनुसार गाँव की ही किसी लड़की से शादी करने के लिए तैयार है और वह अगले रविवार को गाँव आकर लड़की पसंद कर लेगा।


अजय अब जल्दी में था। शनिवार की शाम को ही वह अपने गाँव पहुँच गया। उसके घर मे उसके इस फैसले से सभी बहुत खुश थे। अजय के माता पिता ने अपनी पसंद के हिसाब से अजय को गाँव की 5 लड़कियों को दिखाने की योजना बना रखी थी।

पहली लड़की कोमल थी जो गाँव के प्रधान राम बहादुर की इकलौती लड़की थी। वह लगभग 19 साल की थी।

दूसरी लड़की शिल्पा थी जो गाँव के सबसे बड़े सेठ अमीरचंद की बेटी थी जो लगभग 20 साल की थी।

तीसरी लड़की मोहिनी थी जो गाँव के बहुत बडे किसान धनपत राय की बेटी थी। मोहिनी भी लगभग 19 साल की थी।

चौथी लड़की का नाम गुड़िया था जो मध्यम वर्ग परिवार से थी और उसके पिता मोहन लाल की गाँव मे किराने की दुकान थी। लड़की की उम्र लगभग 18 साल की थी।

पांचवी लड़की महिमा थी जो गाँव के स्कूल के हेडमास्टर भारत भूषण की बेटी थी। उसकी उम्र भी 20 साल के करीब थी।

महिमा आठवीं कक्षा तक पढ़ी थी। बाकी सभी लड़कियां एकदम अनपढ़ थीं। 

अजय ने सभी लड़कियों से मिलने के लिए एक शर्त अपने मम्मी पापा के सामने पहले ही रख दी थी: मैं हर लड़की से अकेले में कम से कम 15 मिनट के लिये जरूर मिलूंगा। उसके बाद ही आपको अपना फैसला बताऊंगा।

अजय के माता पिता को भला इसमें क्या ऐतराज था। उन्होंने सोचा कि लड़का पढ़ा लिखा है। बैंक में बड़ा अफसर है -इसलिये लड़की से अकेले में मिलकर कुछ बातचीत करना चाहता होगा। 

लड़कियों के माँ बाप भी अजय की इस शर्त पर खुशी खुशी राजी हो गए क्योंकि उन्हें यह लग रहा था कि उनकी अनपढ़ गाँव की लड़की को इतना पढ़ा लिखा बैंक का अफसर अपने दामाद के रूप में मिल रहा है।

अगले दिन अजय के मम्मी पापा अजय को लेकर सबसे पहले ग्राम प्रधान राम बहादुर के घर पहले से तय समय 11 बजे पहुंच गए । उनकी लड़की कोमल साड़ी पहने सर झुकाए शर्माती हुई बैठी थी। देखने मे कोमल बेहद खूबसूरत थी लेकिन अजय के दिमाग मे उसे देखकर कुछ और ही चल रहा था। औपचारिक बातचीत के बाद यह तय हुआ कि पहली मंजिल पर बने एक कमरे में अजय और कोमल अकेले 15 मिनट की मुलाकात करेंगे। 

अजय कोमल के साथ पहली मंजिल पर बने उस कमरे में आ गया। कमरे में आने के बाद अजय ने कोमल से कहा: कमरा अंदर से बंद कर दो। कोमल पहले ही घबराई और शर्मायी हुई थी। उसने कमरे की चिटखनी अन्दर से बंद कर दी।

कोमल की खूबसूरती देखकर अजय का लण्ड खड़ा हो चुका था। वह इस मौके का भी भरपूर फायदा उठाना चाहता था। उसने कमरे में रखे सोफे पर बैठते हुए कोमल से कहा: शादी का मतलब पता है क्या होता है?

कोमल सर हिलाकर बोली : नही मालूम

अजय : चलो मैं बताता हूँ। चलो अपनी साड़ी खोलो।

कोमल बिना साडी खोले ऐसे ही खड़ी रही और बोली: मुझे शर्म आती है। मैंने तो पहले कभी किसी के सामने अपने कपड़े नही खोले हैं।

अजय : यही तो मुझे देखना कि तुम एकदम अनपढ़ गँवार ही हो यह तुम्हे ठीक किया जा सकता है। मेरे पास समय बहुत कम है। 5 मिनट पहले ही बर्बाद हो चुके हैं। अब अगर बचे हुए 10 मिनट में तुमने वह सब नही किया जो मैं कह रहा हूँ तो इस शादी के बारे में भूल जाओ।

कोमल : नही, आप बताइए मुझे क्या करना है। मैं सब कुछ करने के लिए तैयार हूँ।

अजय : जल्दी से साड़ी भी खोलो और बाकी के कपड़े भी उतारकर अपना बदन मुझे दिखाओ। 

कोमल ने जल्दी से साड़ी उतार दी और उसके बदन पर अब ब्लाउज और पेटीकोट ही बचे थे।

अजय : जल्दी से इन्हें भी उतारो

कोमल बहुत शर्मा रही थी। यह सब उसके साथ पहली बार हो रहा था।

कोमल ने ब्लाउज और पेटीकोट भी उतार दिए। उसके बदन पर अब एक ब्रा और पैंटी ही बची थी। 

अजय : अपने दोनों हाथ ऊपर उठाओ और मेरी तरफ आओ।

कोमल धीरे धीरे चलते हुए अजय की तरफ आने लगी। अजय अपने बेकाबू हो रहे लण्ड को सहलाये जा रहा था।

कोमल अपने दोनों हाथ उठाये अजय के एकदम नज़दीक आकर खड़ी हो गई।

अजय सोफे से उठकर खड़ा हो गया और कोमल के बदन के पीछे सटकर खड़ा हो गया। अपनी पैंट में तन रहे लंड को उसने कोमल के नितंबों पर दबाते हुए अपने हाथों को उसने उसकी ब्रा के अंदर डाल दिया और उसके मस्त दूधिया स्तनों को खूब दबाया सहलाया। इसके बाद उसने अपने हाथ को उसकी पैंटी के अंदर घुसेड़ दिया और उसकी चिकनी योनि पर अपना हाथ फिराया।

कोमल की चिकनी जाँघों और चिकने पेट को भी अजय अपने हाथों से जी भरकर दबाता सहलाता रहा।

जब 15 मिनट पूरे होने को आये तो उसने कोमल को अपनी गिरफ्त से आज़ाद करते हुए कहा: चल अब अपने कपड़े पहन लें।


सेठ अमीरचंद के घर जब अजय अपने माता पिता के साथ पहुंच तो उसकी लड़की शिल्पा की खूबसूरती को देखकर वह दंग रह गया। शिल्पा कोमल से भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी और लाल साड़ी में कसी उसकी जबरदस्त फिगर बेहद सेक्सी लग रही थी। 

जब अजय शिल्पा को लेकर अकेले में मिलने के लिए एक कमरे में आया तो उसने शिल्पा से कमरा अंदर से बंद करवा दिया और फिर ज्यादा समय बर्बाद किये बिना शिल्पा से बोला: अपने कपड़े उतारकर अपना बदन दिखाओ। अगर तुम्हारा जिस्म मुझे पसंद आया तो मैं तुमसे शादी करूँगा, वरना नही। चलो अब शुरू हो जाओ।

सेठ जी की लड़की एकदम बिगड़ गयी और उसने कपड़े उतारने से मना करते हुए कहा: मुझे ऐसी वैसी गँवार लड़की मत समझना। मुझे नही करनी तुमसे शादी।

अगला नम्बर धनपत राय की बेटी मोहिनी का था।

मोहिनी को लेकर जब अजय अकेले में बंद कमरे में पहुंचा तो उसने मोहिनी से भी यही कहा: अपने सारे कपडे उतारो और एकदम नंगी हो जाओ। जिस लड़की का नंगा बदन औऱ फिगर मुझे पसंद आएगा, वही लौंडिया मेरी वाइफ बनेगी।

मोहिनी ने सलवार सूट पहना हुआ था।

उसने पहले अपना कुरता खोलकर अलग किया और फिर सलवार के नाड़े को खींचकर खोल दिया। अब उसके बदन पर ब्रा और पैंटी ही बची थी।

अजय ने हिम्मत करते हुए मोहिनी से कहा: ब्रा और पैंटी भी उतारो। 

मोहिनी ने ब्रा और पैंटी भी उतार दी। वह एकदम निर्वस्त्र खड़ी थी। शर्म की वजह से उसने अपनी आंखें बंद कर लीं थी।

अजय उसकी फिगर को देखकर एकदम दीवाना सा हो गया था। उसने मोहिनी के पूरे बदन पर हाथ फिर फिराकर उसे खूब दबाया सहलाया। मोहिनी के दूधिया मम्मे दबाने के बाद अजय के हाथ मोहिनी की चिकनी जाँघों,योनि प्रदेश और चिकने पेट को सहला रहे थे।





15 मिनट पूरे होते ही अजय ने मोहिनी को भी अपनी गिरफ्त से आज़ाद करते हुए कहा: चलो अब अपने कपड़े पहन लो।

मोहिनी के साथ मौज़ मस्ती करने के बाद अजय और उसके मम्मी पापा अब मोहन लाल के घर उसकी लड़की गुड़िया को देखने पहुंच गए।

गुड़िया इतनी ज्यादा खूबसूरत और सेक्सी लग रही थी कि अजय की हालत उसे देखते ही बेकाबू सी हो चली थी। वह औपचारिक बातचीत के खत्म होने का बेसब्री से इंतजार कर रहा था क्योंकि उससे अब खुद पर कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था।

गुड़िया को लेकर वह जैसे ही कमरे में घुसा, उसने दरवाज़े को खुद ही अंदर से बंद कर लिया और कमरे में पड़े सोफे पर अपनी टाँगे फैलाकर बैठ गया। 

अजय गुड़िया से बोला: इधर आओ मेरे पास

गुड़िया सहमी शर्मायी सी अजय के पास आकर खड़ी हो गई।

अजय : और नज़दीक आओ मेरे।

गुड़िया अब अजय के एकदम करीब उसकी दोनों टाँगों के बीच मे आकर खड़ी हो गई।

अजय ने एक ही झटके में गुड़िया की साड़ी के पल्लू को खींचकर उसकी साड़ी उतार दी 

गुड़िया बहुत ज्यादा घबरा भी रही थी और शरमा भी रही थी। उसे कुछ समझ नही आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा था। साड़ी खुलने के बाद अब उसके बदन पर एक ब्लाउज और पेटीकोट बचा था।

अजय गुड़िया की तरफ देखकर बोला: तुझे मुझसे शादी करनी है ना ?

गुड़िया: हाँ करनी है

अजय : तो जो मैं कहूँगा तुझे वह सब करना पड़ेगा। बोल मंजूर है?

गुड़िया: हाँ मुझे सब मंजूर है। 

अजय : चल नीचे घुटनों के बल बैठ जा - टाइम कम है मेरे पास, इसलिये जो कहूँ उसे फटाफट कर। समझी?

गुड़िया: हाँ जी समझ गयी

गुड़िया घुटनों के बल अजय की दोनों टाँगों के बीच अपना खूबसूरत चेहरा लिए बैठी थी।

अजय ने अपनी पैंट की ज़िप खोलकर उसमे से अपने लण्ड को बाहर निकाला और उसे गुड़िया के होंठों पर रगड़ते हुए बोला:चल अब अपना मुंह खोल और इसे अपनी जीभ से सहला सहला कर चाट।

गुड़िया: लेकिन मुझे यह सब आता नही है। इसलिए कोई गलती हो जाये तो उसके लिए माफ कर देना।

अजय समझ गया कि लौंडिया एकदम "सेक्स स्लेव" मटेरियल है। वह उससे बोला: कोई बात नही, मैं तुम्हे सब कुछ सिखाऊंगा। मैं सिर्फ यह टेस्ट कर रहा हूँ कि तुम सीख भी सकोगी या नही। चलो इसे मुंह में लो और इस पर अपनी जीभ इस तरह फिराओ जैसे कि इसकी मालिश कर रही हो।

गुड़िया ने अजय के लण्ड को मुंह मे लेकर जैसे ही अपनी जीभ फिरानी शुरू की, अजय के लंड की वीर्य रस धारा ने गुड़िया के मुंह को भर दिया।

अजय उससे बोला: यह जूस बहुत बढ़िया होता है। हर औरत को नियमित रूप से अपने पति के लण्ड का यह जूस पीना जरूरी होता है। तुमने इसे पीकर यह टेस्ट तो पास कर लिया है। बाकी की ट्रेनिंग भी मैं तुम्हे दे दूँगा क्योंकि तुम्हारे अंदर सीखने की इच्छा है। अब इस गीले लण्ड को अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ भी करो। 

गुड़िया ने अजय के गीले लण्ड को अपनी जीभ से चाटकर साफ करना शुरू कर दिया। 15 मिनट पूरे होने वाले थे इसलिए अजय को मजबूरन गुड़िया से यह कहना पड़ा: अब तुम अपने कपड़े पहनो और शादी की तैयारियाँ शुरू करो।मैं तुम्हें ही अपनी वाइफ बनाऊंगा।

हालांकि अजय ने मन बना लिया था कि वह गुड़िया को ही अपनी वाइफ बनाएगा फिर भी उसका मन था कि पांचवी लड़की महिमा के साथ भी कुछ मौज़ मस्ती कर ली जाए तो उसमें हर्ज़ ही क्या है।

आखिर में अजय अपने माता पिता के साथ महिमा के हेडमास्टर पिता के घर पहुंच गया। अब तक कि सभी लड़कियां एकदम अनपढ़ थीं। लेकिन महिमा 8 वीं क्लास तक अपने पिताजी के स्कूल में ही पढ़ी थी।

महिमा भी खासी सुंदर थी और नीली साड़ी में एकदम मस्त माल लग रही थी।

अजय अव्वल दर्जे का बदमाश था। महिमा को लेकर वह अकेले में मिलने के लिए जैसे ही कमरे में आया उसने अपने सारे कपड़े फटाफट उतार दिए और हाथ में एक छड़ी लेकर कुर्सी पर बैठते हुए कड़क आवाज़ में महिमा से बोला: चलो अपने कपड़े उतारो और मेरी गोद मे आकर लेट जाओ। मेरी बात नही मानोगी तो इस छड़ी से तुम्हारे मस्त नितंबों पर 100 स्ट्रोक लगाऊंगा।

महिमा ने जल्दी से अपने कपड़े उतारे और अजय की गोद मे आकर लेट गई।महिमा के नितंबों को अजय ने अपने खड़े लण्ड पर एडजस्ट करते हुए अपने एक हाथ से उसके मम्मे दबाने शुरू कर दिए और दूसरे हाथ की छड़ी उसके होंठों के नज़दीक ले जाकर कड़क आवाज़ में बोला: मुंह खोलो और इस छड़ी को इस तरह चूसो मानों मेरा लण्ड चूस रही हो। जल्दी करो।

महिमा ने वही सब कुछ किया जो अजय कहता गया।

15 मिनट की मौज़ मस्ती के बाद अजय ने महिमा को भी अपनी गिरफ्त से आज़ाद करते हुए कहा: अब तुम अपने कपड़े पहन सकती हो।

सब लड़कियों के साथ मौज़ मस्ती करने के बाद अजय मम्मी पापा के साथ घर वापस आ गया था। माता पिता इस बात की प्रतीक्षा कर रहे थे कि अब अजय अपनी पसंद के बारे में उन्हें बताएगा कि कौन खुशनसीब लड़की उनके घर की बहू बनने जा रही है।

अजय भी इस मामले में देर नही करना चाहता था। उसने अपनी पसंद के बारे में मम्मी को बताते हुए कहा : मैं गुड़िया से शादी करना चाहता हूँ। 

अजय के कहने भर की देर थी। उसके माता पिता ने "चट मंगनी और पट ब्याह" की तर्ज़ पर गुड़िया की शादी अजय से करवा दी और अजय गुड़िया को लेकर शहर में आ गया।

अजय ने आफिस से एक हफ्ते की छुट्टी ले रखी थी। 

अजय इस एक हफ्ते में गुड़िया को "सेक्स स्लेव" बनाने की ट्रेनिंग देने का मन बना चुका था। उसे अपने दोस्त विनय की वह बात भी याद आ रही थी, जिसमे उसने अजय से कहा था: अपनी वाइफ को ट्रेनिंग देने के लिए सबसे खास रात सुहागरात होती है। उस रात को तुम उसके साथ जो कुछ भी करोगे, उसे यही लगना चाहिए कि शादी के बाद यह सब ही होता है। फिर वह सारी जिंदगी वही करेगी जो उसने फर्स्ट नाईट को किया है।

आज अजय और गुड़िया की सुहाग रात यानि फर्स्ट नाईट थी। दिन भर में अजय ने खुद बाजार में जाकर गुड़िया के लिए मॉडर्न तरीके के काफी सारे कपडे खरीद लिए थे क्योंकि वह अपने साथ तो गाँव से सिर्फ कुछ साड़ियां ही लेकर आई थी।

अजय के मन मे फर्स्ट नाईट का पूरा प्लान बना हुआ था। डिनर करने के बाद वह बेडरूम में आकर सोफे पर अपनी टाँगे फैलाकर बैठ गया। इस समय उसके बदन पर सिर्फ एक सफेद अंडरवियर था जिसमे से उसका तनकर खड़ा लण्ड बाहर निकलने के लिए बेताब हो रहा था।

गुड़िया साड़ी पहने हुए और घूंघट किये हुए बेड पर बैठी हुई थी।

अजय ने अंडरवियर में खड़े हो चुके लण्ड के उभार को सहलाते हुए गुड़िया से रौबीली आवाज़ में कहा: इधर मेरे नज़दीक आकर खड़ी हो जाओ।

गुड़िया जल्दी से बेड से नीचे उतरी और अजय के सामने खड़ी हो गयी।

अजय : साड़ी उतारो

गुड़िया अपनी साड़ी उतारने लगी।

अजय: बाकी के सारे कपड़े भी खोलकर एकदम नंगी हो जाओ

गुड़िया ने बाकी के सारे कपड़े भी उतार दिए और शर्माती हुई अपने एक हाथ से अपने सीने को और दूसरे हाथ से अपनी योनि को ढंकने का प्रयास करने लगी।

अजय पूरी मस्ती में आ चुका था : अपने दोनों हाथ ऊपर उठाओ और अपने जिस्म को गोल गोल घुमाकर दिखाओ।

गुड़िया ने वही किया जो अजय ने हुक्म दिया था। वह अपने दोनों हाथों को उठाकर गोल गोल घूमने लगी।

अजय उसकी मस्त फिगर को देख देख कर अपनी आंखें सेंक रहा था। ऐसा मदमस्त और सेक्सी नज़ारा उसने आज तक पोर्न फिल्मों में भी नही देखा था।

अजय बेकाबू हो चुका था। वह गुड़िया से कहने लगा: अब मेरे बिल्कुल नज़दीक आकर खड़ी हो जाओ।

गुड़िया उसके एकदम नज़दीक उसकी दोनों जाँघों के बीच मे आकर खड़ी हो गयी। अब अजय ने अपने हाथों को उसके निर्वस्त्र बदन पर फिराना शुरू कर दिया। गुड़िया ने अचानक अपने दोनों हाथों को नीचे कर लिया तो अजय ने उसके गालों पर हल्की सी चपत लगाकर कहा: हाथ ऊपर उठाकर खड़ी रहो। जब तक मैं हाथ नीचे करने की परमिशन न दूं, तुम्हारे हाथ इसी तरह ऊपर की तरफ रहने चाहिए।

अजय गुड़िया की मक्खन मलाई जैसी जाँघों पर हाथ फिराते हुए अपने हाथ को उसकी दोनों टाँगों के बीच बने चिकने योनि प्रदेेश पर ले गया और उसकी योनि को दबाते सहलाते हुए बोला: टाँगों को फैलाओ।

गुड़िया ने अपनी टाँगें फैला दीं ताकि अजय अपने हाथ को उसकी योनि पर ठीक से फिरा सके।

गुड़िया को अजय एक "सेक्स टॉय" की तरह इस्तेमाल कर रहा था। गुड़िया अब हाथ ऊपर उठाये उठाये काफी थक चुकी थी। वह पहली बार अजय से कुछ बोली : मेरे हाथों में बहुत दर्द हो रहा है। अब मुझे अपने हाथ नीचे करने दो।

अजय : चलो हाथ नीचे कर लो और यहाँ मेरे पैरों के पास मुर्गा बन जाओ।

गुड़िया : मुझे नही आता मुर्गा बनना

अजय समझ गया कि यह लौंडिया कभी स्कूल नही गई तो मुर्गा बनना इसे नही आता होगा 

अजय : चलो आज मैं तुम्हे मुर्गा बनाकर दिखाता हूँ। आगे से तुम्हे खुद ही मुर्गा बनना होगा।

अजय ने गुड़िया के निर्वस्त्र जिस्म को पकड़कर उसे ज़मीन पर झुकाते हुए मुर्गा पोजीशन में खड़ा कर दिया और फिर अपने दोनों पैरों को उसने गुड़िया की पीठ पर रखकर रगड़ना शुरू कर दिया। गुड़िया हिलने लगी तो अजय ने अपने पास रखे एक बेंत को उठाकर गुड़िया के मस्त नितंबों पर जोरदार स्ट्रोक लगाया और बोला: सीधी मुर्गा बनकर खड़ी रह। हिलेगी तो बेंत से पिटाई होगी।

अजय ने अपने एक पैर को उसकी पीठ से उठा लिया और उसे लेकर वह गुड़िया के होंठों के पास ले गया। अपने पैरों के तलवे को अजय गुड़िया के चेहरे और होंठों पर रगड़ने लगा। बीच बीच मे वह बेंत के स्ट्रोक गुड़िया के नितम्बों पर मारते हुए कह रहा था: सीधी खड़ी रह साली नही तो और सख्त सजा दूंगा तुझे।
गुड़िया मुर्गा बने बने अब थक चुकी थी। इधर अजय का लण्ड भी अब राहत की तलाश में था। जैसे ही गुड़िया बोली कि वह मुर्गा बने बने अब थक गई है, अजय ने फौरन ही उसे फरमान जारी कर दिया: चल मेरी टाँगों के बीच घुटनों के बल बैठ जा।

गुड़िया अजय की टाँगों के बीच घुटनों के बल बैठ गयी और अजय की तरफ इस तरह देखने लगी मानो उसके अगले आदेश की प्रतीक्षा कर रही हो।

अजय ने गुड़िया के दोनों गालों पर चपत मारते हुए कहा: मेरे इशारों को समझने की आदत डाल लें। अगर मैं कहूं कि मेर सामने घुटनों के बल बैठ जा तो इसका मतलब यह है कि तुझे अब मेरा लण्ड अपने मुंह मे लेकर मुझे खुश करना है। चल अब शुरू हो जा।

गुड़िया आगे बढ़ी और अजय के अंडरवियर में तनकर खड़े हुए लण्ड पर अपना हाथ फिराने लगी। अजय पूरी मस्ती में था।
गुड़िया ने अजय के लण्ड को अपने मुंह मे लेकर उस पर अपनी जीभ फिराना शुरू कर दिया। अजय जबरदस्त तरीके से गुड़िया के साथ मुख मैथुन कर रहा था और बीच बीच मे उसके गालों पर थप्पड़ मारते हुए कह रहा था: ठीक से चूस मेरा लण्ड वरना और पिटेगी।
मुख मैथुन के बाद भी अजय का मन नहीं भरा तो उसने गुड़िया के लिए नया फरमान जारी करते हुए कहा: मेरी जाँघों पर उल्टी होकर लेट जा। अब तेरे इस खूबसूरत जिस्म की स्पैकिंग की जाएगी।

स्पैकिंग क्या होती है, इसका अंदाज़ा गुड़िया को नही था। लेकिन अजय ने अब तक जो कुछ भी पोर्न फिल्मों में देख रखा था, वह सब आज की रात कर लेना चाहता था।

निर्वस्त्र गुड़िया अब उल्टी होकर अजय की गोद मे लेटने के लिए आगे बढ़ी। अजय ने गुड़िया के खूबसूरत जिस्म को अपनी जाँघों पर इस तरह एडजस्ट किया ताकि गुड़िया का खूबसूरत चेहरा और होंठ अजय की लेफ्ट जाँघ पर टिका रहे, गुड़िया के मक्खन जैसे मम्मे उसके अंडरवियर में कैद लण्ड पर टिके रहें और उसकी केले जैसी चिकनी जांघें अजय की राइट जाँघ पर टिकी रहें।

अजय ने गुड़िया के जिस्म की यह सेटिंग एक पोर्न फिल्म के सीन को देखकर की थी। उस सीन को देखकर अजय को बहुत मज़ा आया था। आज वह उस फिल्म में देखे गए सीन को लाइव करके देखना चाहता था। कुछ देर तक वह गुड़िया की पीठ और नितंबों पर हाथ फिर फिरा कर उन्हें सहलाता और थपथपाता रहा। अब तक गुड़िया शांत होकर लेटी हुई थी लेकिन आगे क्या होने जा रहा था उसका अंदाज़ा गुड़िया को नही था।

अजय ने अपने प्लान के मुताबिक अपने हाथ मे लकड़ी की एक छड़ी लेकर उसे गुड़िया के नितंबों पर मारना शुरू कर दिया। छड़ी के हर स्ट्रोक पर गुड़िया अजय की गोद मे जोर जोर से उछल रही थी। गुड़िया के उछलने से उसके मम्मे अजय के खड़े लण्ड से टकरा रहे थे और गुड़िया के होंठ और चेहरा अजय की बायीं जाँघ से इस तरह रगड़ खा रहा था मानों गुड़िया उसकी जाँघ पर चुम्बन दे रही हो। कुल मिलाकर अजय पूरी मस्ती में गुड़िया के नंगे बदन से मौज़ ले रहा था। गुड़िया को समझ नही आ रहा था कि उसकी कोई गलती न होने पर भी उसके नितम्बों की स्पैकिंग क्यों की जा रही थी। लेकिन अजय आज की रात गुड़िया को हर तरीके की यौन प्रताड़ना देकर उसे हमेशा के लिए अपनी सेक्स स्लेव बना लेना चाहता था।
गुड़िया की स्पैकिंग करते करते ही अजय क्लाइमैक्स पर पहुंच गया और उसके लण्ड से वीर्य निकलने लगा।

अब अजय ने गुड़िया को अपनी दोनों टाँगों के बीच मे घुटनों के बल बिठाते हुए कहा: चल मेरे गीले लण्ड को अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ कर।

गुड़िया अजय के लण्ड को अपनी जीभ से चाट चाटकर साफ करने लगी।


वीर्य अचानक निकल जाने की वजह से अजय की जाँघें भी वीर्य से गीली हो गई थीं और काफी वीर्य उसके पैरों पर भी गिर गया था।

अजय ने गुड़िया को जमीन पर घुटनों के बल बिठाकर उसे हुक्म दिया: मेरे पैर गीले हो गए हैं, इन्हें भी अपनी जीभ से चाट कर साफ करो। गुड़िया ने अजय के पैरों को चाटना शुरू कर दिया।

अब जरा मेरी गीली जाँघों को भी चाटकर साफ करो।

गुड़िया अब अजय की गीली जांघें भी चाटकर साफ करने लगी।

गुड़िया के साथ मौज़ मस्ती करते करते रात के 3 बज गए थे। अजय ने हालांकि एक हफ्ते की छुट्टी ले रखी थी फिर भी उसे अब खुद हल्की हल्की नींद आ रही थी। गुड़िया की ट्रेनिंग भी अब काफी हो चुकी थी। लिहाज़ा अजय अब गुड़िया से बोला: जाओ अब बिस्तर पर जाकर लेट जाओ। 

गुड़िया एकदम निर्वस्त्र थी।

वह डरते हुए अजय की तरफ देखकर पूछने लगी: कपड़े पहनकर लेटना है या ऐसे ही?

अजय को गुड़िया के अंदर का यह डर बहुत अच्छा लगा. वह रौबीली आवाज़ में बोला: जब तक मैं न कहूँ तुम नंगी ही रहोगी। अभी मैं बिस्तर पर तुम्हारे इस मस्त जिस्म के साथ और भी खिलवाड़ करने वाला हूँ।

निर्वस्त्र गुड़िया बिस्तर पर जाकर लेट गयी। अजय के बदन पर भी सिर्फ एक अंडरवियर ही था। वह भी बिस्तर पर जाकर गुड़िया के साथ लेटते हुए बोला: अब तुम अपने हाथों से मेरे बदन को सहला सहला कर तब तक मालिश करो जब तक कि मुझे गहरी नींद न आ जाये। हर रोज तुम्हे मुझे इसी तरह सुलाना है। चलो शुरू हो जाओ।

गुड़िया उठकर अजय के बदन पर हाथ फिराने लगी।

अजय ने अपनी जाँघे चौड़ी करते हुए कहा: मेरी जाँघों को सहलाओ।

गुड़िया के हाथ अजय की जाँघों को सहलाने लगे। जाँघों के बीच अंडरवियर में उसका लण्ड फिर से तनकर खड़ा हो चुका था।

अजय की बदमाशी अब बढ़ती जा रही थी। वह गुड़िया से बोला: जाँघों को हाथों से नही, अपने चेहरे से रगड़कर सहलाओ।

गुड़िया ने अपने जिस्म को झुकाते हुए अपने चेहरे को अजय की जाँघों पर रगड़ना शुरू कर दिया। गुड़िया के मस्त मस्त मम्मे अजय की टाँगों से टकरा रहे थे। अजय पूरी मस्ती में था। वह गुड़िया से कहने लगा: हर रात तुम्हे इसी तरह मेरे जिस्म की मालिश करनी है। 

अजय और गुड़िया इस मौज़ मस्ती में कब सो गए यह पता ही नही चला।

सुबह जब अजय की आंख खुली तो उसने देखा कि गुड़िया उसके लण्ड पर अपना चेहरा टिकाकर सो रही है। शायद रात को गुड़िया को भी अजय की जाँघों की चेहरे से मालिश करते करते ही नींद आ गयी थी। 

गुड़िया के गाल पर हल्का सा चपत लगाकर अजय ने उसे जगाया और बोला: मेरे लण्ड को अपने मुंह मे लेकर इसकी मालिश करो। हर सुबह तुम्हे सबसे पहला काम यही करना है। चलो शुरू हो जाओ।

गुड़िया के साथ मौज़ मस्ती करते करते पूरा एक हफ्ता निकल गया। अजय को अब कल आफिस जाना था। अजय ने इस एक हफ्ते में गुड़िया को पूरी तरह अपना सेक्स स्लेव बना लिया था और उसका नाम भी बदलकर- मोहिनी कर दिया था।

अब गुड़िया अजय के इशारों पर नाचने वाली मोहिनी बन चुकी थी।

दफ्तर जाते वक्त अजय गुड़िया से बोला: दरवाज़ा अंदर से बंद कर लो और कोई भी घण्टी बजाए तुमने दरवाज़ा नही खोलना है। जब शाम को मैं आऊंगा तो दरवाज़ा चाबी से खोलकर घर के अंदर आ जाऊंगा। शाम को तुम बिस्तर के ऊपर मुर्गा बनकर खड़ी हो जाना। तुम्हारे जिस्म पर सिर्फ एक ब्रा और अंडरवियर होना चाहिए और उसे पहने पहने ही बिस्तर पर मुर्गा बनकर खड़ा होना है। अगर मेरे इस हुक्म की तामील नही हुई तो फिर तुम्हे सख्त सजा मिलेगी।

यह कहकर अजय ऑफिस चला गया।

अजय का दफ्तर में मन नही लग रहा था और रह रहकर उसे मोहिनी के मस्त जिस्म को पेलने का ही ख्याल आ रहा था। विनय ने भी अजय से मस्ती करते हुए पूछ लिया: क्यों भाई। मेरा आईडिया कैसा रहा? खूब मस्ती आ रही है या नही?

अजय : हाँ यार तेरा आईडिया तो बहुत जबरदस्त था। एक हफ्ते में मैंने मोहिनी को अपना सेक्स स्लेव बना लिया है। अब वह मेरे इशारों पर ही नाचने वाला खिलौना बन चुकी है। 

विनय अजय की शादी में गया था और तभी उसने मोहिनी को दुल्हन के रूप में देखा था। मोहिनी की खूबसूरती देखकर विनय का उस समय ही लण्ड तनकर खड़ा हो गया था। विनय की अपनी वाइफ माधुरी भी हालांकि काफी सुंदर और सेक्सी फिगर वाली है लेकिन मोहिनी एकदम कच्ची कली थी जिसे विनय अपने तरीके से चखना चाहता था। उसके पास इसकी भी एक योजना थी।

विनय के घर जब अजय गया था तो विनय ने जान बूझकर अपनी वाइफ माधुरी को अजय के हवाले कर दिया था और खुद फोन का बहाना करके दूसरे कमरे में चला गया था। अजय को यह बात याद थी। 

शाम को जब दफ्तर की छुट्टी हुई तो अजय ने फॉर्मेलिटी के लिये विनय से कहा: चल भाई, आज मेरे साथ चल। मेरे घर मे आज मोहिनी के हाथ का चाय नाश्ता करके ही जाना।

अजय के कहने की देर थी - विनय एकदम तैयार हो गया और सारे रास्ते अजय को इस बात के फायदे बताने लगा कि एक वाइफ को पेलते पेलते बोरियत हो जाती है। लिहाजा समझदारी इसी में है कि अपनी वाइफ को भी दोस्तों के साथ मिल बाँटकर चखना चाहिए। 

अजय कुछ समझा नही : यार यह क्या बात कर रहा है?

विनय : अरे भाई इसमें न समझने वाली कौन सी बात है। जब तुम मेरे घर आये थे तो क्या मैंने अपनी वाइफ को तुम्हारे हवाले नही कर दिया था? बाकी तेरी मर्ज़ी है। लेकिन मेरी बात मानेगा तो मौज़ ही मौज़ रहेगी। सोचकर देख कि कभी तेरे नीचे मोहिनी का जिस्म दबा हुआ है और कभी माधुरी का। दोनो ही तेरे इशारों पर नाचेंगी।

अजय : इसका मतलब यह हुआ कि मोहिंनी और माधुरी दोनो तेरे इशारों पर भी नाचेंगी।

विनय : बिल्कुल। अब आयी बात समझ मे।

तब तक अजय घर आ गया था और चाबी से दरवाज़ा खोलकर विनय के साथ अंदर आ गया।

अजय अब विनय की तरफ शरारत से देखते हुए बोला: यार मैं वाशरूम जाकर आता हूँ। मुझे आधा घण्टा लग जायेगा। तब तक तुम अपनी दूसरी वाइफ "मोहिंनी" को चखकर देख लो। वह बैडरूम में बिस्तर पर तुम्हारा ही वेट कर रही है।

अजय जानबूझकर वाशरूम का बहाना करके दूसरे कमरे मे चला गया और विनय जैसे ही बैडरूम में घुसा, वह एकदम चौंक गया क्योंकि वहाँ मोहिंनी ब्रा और पैंटी पहने बिस्तर पर मुर्गा बनी हुई थी।



मोहिंनी को इस पोजीशन में देखते ही विनय का लण्ड तनकर खड़ा हो गया।

मोहिंनी ने जैसे ही देखा कि अजय की जगह कोई और उसके बैडरूम में घुस आया है तो वह घबराकर उठकर खड़ी होने लगी: आप कौन हो? हमारे पति कहाँ हैं?

विनय कड़क आवाज़ में मोहिंनी से बोला: ज्यादा सवाल जबाब मत कर। तेरा काम हमारी आज्ञा का पालन करने का है। जो तुझसे कहा जाए वह चुपचाप करती जा, वरना तुझे सज़ा मिलेगी।

मोहिंनी गंवार जरूर थी लेकिन उसे यह मंज़ूर नही था कि पति के अलावा कोई और गैर मर्द उसके साथ बदमाशी करने की हिम्मत करे। 
वह जोर से चीखते हुए बोली: अरे तुम होते कौन हो हमे सज़ा देने वाले ? सिर्फ हमारे पति ही हमे सज़ा दे सकते हैं। चलो भागो यहाँ से। मेरे पति जल्द ही आने वाले होंगे। उनके आने का भी समय हो गया है।
विनय ने बैडरूम का दरवाजा अंदर से चिटखनी लगाकर बन्द कर लिया और अपनी पैंट में से चमड़े की बेल्ट को निकालकर उसे मोहिंनी के नितम्बों पर मारता हुआ बोला: अब तुझे ऐसी सज़ा मिलेगी जिसे तू हमेशा याद रखेगी। चल अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर एक पैर पर खड़ी हो जा।

मोहिंनी अपने नितम्बों को सहलाते हुए बोली: यह कैसी सज़ा है। कोई एक पैर पर कैसे खड़ा हो सकता है?

विनय ने फिर से उसके नितम्बों पर बेल्ट को जोर से मारते हुए कहा: जैसा मेरा हुक्म है वैसा करती जा। नही तो यह चमड़े की बेल्ट तेरे इस खूबसूरत जिस्म को गर्म करती रहेगी। यह कहते कहते विनय ने लगातार तीन चार बेल्ट स्ट्रोक मोहिंनी के जिस्म पर लगा दिए और वह दर्द से उछल उछल कर कूदने लगी और विनय से गिड़गिड़ाते हुए बोली: अब बस करो। अब और मत मारो। मैं आपकी हर बात मानने के लिए तैयार हूं।

विनय अब सोफे पर रिलैक्स होकर बैठ गया और बोला: चल अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर एक पैर पर खड़ी हो जा।

मोहिंनी मार से बचने के लिए अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर एक पैर पर खड़े होने का प्रयास करने लगी। विनय ने कड़क आवाज़ में कहा: सीधी खड़ी रह साली। अगर जरा भी हिली तो बेल्ट के और स्ट्रोक लगाऊंगा।

मोहिंनी बला की खूबसूरत थी और उसकी जबरदस्त सेक्सी फिगर थी। विनय मोहिंनी के जिस्म को अपने हाथों से सहलाने लगा।

मोहिंनी को एक पैर पर खड़े होने में बहुत ज्यादा तकलीफ हो रही थी। वह गिड़गिड़ाते हुए विनय से बोली: मुझे दोनो पैरों पर खड़ा होने दो। आप जो कहोगे मैं वह सब कुछ करूंगी। बस अब मुझसे एक पैर पर खड़ा नही हुआ जा रहा है।

विनय अब मस्ती में आ चुका था। उसने अपने कपड़े उतार दिए और एक अंडरवियर पहने ही वह कुर्सी पर बैठते हुए मोहिंनी से बोला: चल अब तू। अपने दोनों पैरों पर खड़ी हो जा और इधर मेरे पास आकर मेरी जाँघों के बीच खड़ी हो जा।

मोहनी विनय के पास आ गयी तो उसने मोहिंनी को अपनी बायीं जाँघ पर बिठाते हुए उसके बदन को दबाना और सहलाना शुरू कर दिया। विनय अब मोहिनी के साथ जी भरकर मनमानी कर रहा था। मोहिंनी अब उसके हाथ मे एक खिलौना बनकर रह गयी थी।

विनय ने कुछ देर तक मोहिंनी के बदन के साथ खिलवाड़ की और फिर उससे बोला: चल ज़मीन पर घुटनों के बल इस तरह खड़ी हो जिससे तेरा चेहरा मेरी गोद मे टिका रहे।

मोहिंनी ज़मीन पर घोड़ी बनकर खड़ी हो गयी और अपने चेहरे को उसने विनय की गोद मे इस तरह रख दिया मानों वह उसके खड़े लण्ड को अपने चेहरे से सहला रही हो। विनय भी दरअसल यही चाहता था कि मोहिंनी का खूबसूरत चेहरा उसकी गोद मे रहे और जब वह मोहिंनी की स्पैकिंग करे तो जब जब मोहिंनी उछले तो उसका चेहरा उसके लण्ड पर रगड़ खाये।

विनय ने अब अपने हाथों से ही मोहिंनी की स्पैकिंग शुरू कर दी। मोहिंनी लगातार उछल रही थी और उसका चेहरा विनय के लण्ड पर रगड़ खाकर विनय की मौज़ करवा रहा था।

मोहिंनी से जितने मज़े विनय ले रहा था उतने मज़े तो उसके पति अजय ने भी नही लिए थे। विनय अब अपने क्लाइमैक्स पर पहुंचने वाला था। उसने अब मोहिंनी की स्पैकिंग बन्द करते हुए उससे कहा: अब तुम मेरे इस खड़े हो चुके लण्ड को अपने मुंह मे लेकर मुझे खुश करो।

नोट : इस तरह की कहानियों को वीडियो के रूप में देखने के लिए मेरे You Tube चैनल को इस लिंक पर देखें:

https://youtube.com/@hotindianbdsm

अब आगे की कहानी पढ़े:
मोहिंनी ने विनय के अंडरवियर में से उसके लण्ड को निकालकर उसे जल्दी से अपने मुंह मे ले लिया और उस पर अपनी जीभ फिराने लगी।

कुछ ही देर में विनय के लण्ड में से वीर्य की धार निकलकर मोहिंनी के मुंह मे जाने लगी और मोहिंनी उस सारे वीर्य को इस तरह से पी गई जिससे उसकी एक भी बूंद जमीन पर नही गिरी। विनय समझ गया था कि अजय ने मोहिंनी को लण्ड चूसने की बहुत बढ़िया ट्रेनिंग दी है।

मोहिंनी ने विनय के गीले लण्ड को अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ भी कर दिया। विनय को मोहिंनी के साथ मौज़ मस्ती करते हुए लगभग आधा घण्टा हो चुका था और उसे लग रहा था कि अब अजय भी आने वाला होगा। लेकिन विनय का अभी मन नही भरा था और वह मोहिंनी के साथ और मस्ती करने के मूड में आ गया था।

विनय : चल अब कान पकड़कर मुर्गा बनकर दिखा।

मोहिंनी पूरी तरह निर्वस्त्र थी लेकिन विनय उसे लगातार ज़लील किये जा रहा था।

मोहिंनी गिड़गिड़ाने लगी: क्या मैं अब अपने कपड़े पहन सकती हूँ?

विनय ने चमड़े की बेल्ट का एक जोर का स्ट्रोक मोहिंनी के नितम्बों पर लगाते हुए कड़क आवाज़ में कहा: ऐसे ही नंगे बदन में मुर्गा बन साली। तेरा खूबसूरत बदन कपड़े पहनने के लिए नही बना है।

बेबस होकर मोहिंनी निर्वस्त्र अवस्था मे ही कान पकड़कर मुर्गा बनकर खड़ी हो गयी

इतनी देर में अचानक अजय भी वहाँ आ गया और उसने मोहिंनी को निर्वस्त्र हालत में मुर्गा बने देखा तो विनय से पूछने लगा: इस लौंडिया को मुर्गा बनने की सज़ा क्यों दी है विनय भाई। हमे भी तो बताओ।

विनय : खूबसूरत लड़कियों को ऐसे ही लौंडे पसंद होते हैं जो उन्हें पूरी दबंगई के साथ अपने काबू में रखते हैं। 

अजय हंसते हुए विनय के साथ ही सोफे पर बैठकर मोहिंनी को मुर्गा बने देखने लगा और विनय से पूछने लगा: और सुना तेरी माधुरी का क्या हालचाल है।

विनय : माधुरी भी मस्त माल है वैसे तो लेकिन साली यह मोहिंनी तो एकदम कयामत है। तेरी पसंद वाकई लाजबाब है। एक एक अंग एकदम तराशा हुआ है। क्या जबरदस्त सेक्सी फिगर है। इस लौंडिया को तो देखते ही लण्ड कड़क होने लगता है।

अजय अब मोहिंनी से कड़क आवाज़ में बोला: चल अब उठकर  इधर आकर खड़ी हो जा।

निर्वस्त्र मोहिंनी को बहुत ज्यादा शर्म आ रही थी। विनय और अजय सोफे पर बैठे हुए उसके जिस्म के बारे में ही जिस तरह से बातें कर रहे थे, उन्हें सुनकर उसका चेहरा शर्म और ज़लालत से एकदम लाल हो गया था।

मोहिंनी जैसे ही अजय के नजदीक आकर खड़ी हुई,अजय ने उसे हुक्म दिया: हम दोनों की जाँघों पर सीधी होकर लेट जा। अब हम दोनों तेरे इस मस्त संगमरमरी जिस्म को कुछ देर दबा सहलाकर मौज़ मस्ती करेंगे।

विनय और अजय सोफे पर एक साथ ही बैठे हुए थे। मोहिंनी एकदम निर्वस्त्र थी। वह यह भी समझ रही थी कि उसका पति अपने दोस्त विनय के साथ मिलकर उसे एक खिलौने की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन वह बेबस थी। वह उन दोनों की जाँघों के ऊपर सीधी लेट गई। उसका चेहरा अजय की जांघ पर टिका हुआ था और उसकी जाँघे और पैर विनय की गोद मे रखे हुए थे।  

अजय अपने हाथों से मोहिंनी के मस्त उरोजों औऱ चिकने पेट को दबाने सहलाने लगा। उधर विनय मोहिंनी की चिकनी जाँघों पर हाथ फिराए जा रहा था।जाँघों को सहलाते सहलाते विनय के हाथ मोहिंनी के योनि प्रदेश को भी दबाने थपथपाने लगे। मोहिंनी अजय और विनय दोनों के हाथ मे एक सेक्स टॉय बनकर रह गयी थी।

अचानक अजय ने मोहिंनी के गाल पर एक चपत लगाते हुए कहा: मुंह खोल अपना।

मोहिंनी ने जैसे ही मुंह खोला,अजय ने उसके मुंह मे थूकते हुए कहा: बता मेरे इस थूक का स्वाद तुझे कैसा लगा?

मोहिंनी समझ गयी कि अगर वह कहेगी कि थूक का स्वाद अच्छा लगा तो उसके मुंह में विनय भी थूकेगा। इसलिए वह कहने लगी: यह सब मत करो। यह मुझे अच्छा नही लग रहा है।मेरे मुंह मे मत थूको।

विनय अजय से कहने लगा: इस लौंडिया की इतनी हिम्मत हो गयी कि यह जुबान चलाने लगी है। लगता है इसे सख्त सज़ा की जरूरत है।

अजय : अभी इस साली का इलाज करता हूँ। चल खड़ी हो जा।

मोहिंनी डरी सहमी सी अजय के सामने सर झुकाकर खड़ी हो गयी।

अजय : जमीन पर बैठकर घोड़ी बन जा और चलती हुई मेरी तरफ आ।

मोहिंनी घोड़ी बनकर अजय के पास आ गयी। अजय ने उसके दोनों गालों पर चपत लगाते हुए उसके चेहरे को पकड़कर अपनी गोद मे अपने लण्ड के ऊपर रखवाया और फिर कड़क आवाज़ में उससे बोला: जब तक मेरा हुक्म न मिले, 
तेरा चेहरा इसी जगह टिका रहना चाहिए।

अजय ने अंडरवियर पहना हुआ था और उसके अंदर उसका लण्ड एकदम तनकर खड़ा हो चुका था। मोहिंनी का पूरा चेहरा अब अजय के अंडरवियर के ऊपर टिककर उसके लण्ड की मालिश करने वाला था।

विनय यह सब देखकर कहाँ चुप बैठने वाला था। वह अजय से बोला: यार तू इस लौंडिया के चेहरे को अपने दोनों हाथों में पकड़कर उसे अपने अंडरवियर पर टिकाकर रख। बाकी की मौज़ की गारंटी मैं लेता हूँ।

यह कहने के साथ ही विनय सोफे से उठकर खड़ा हो गया औऱ अपनी पैंट में से चमड़े की बेल्ट निकलकर उसके स्ट्रोक उसने मोहिंनी के नितम्बों पर मारने शुरु कर दिए।

विनय हंसता हुआ अजय से बोला: बेल्ट के हर स्ट्रोक पर यह लौंडिया उछलेगी और इसका इसका खूबसूरत चेहरा तेरे लण्ड की मालिश करेगा। इसकी सज़ा में तुझे ऐसा मज़ा आएगा कि तू हमेशा याद रखेगा।

विनय लगातार मोहिंनी के नितम्बों की बेल्ट स्पैकिंग कर रहा था और मोहिंनी का चेहरा अजय की गोद मे उसके अंडरवियर के ऊपर मानो एक सेक्सी डांस कर रहा था।



Friday, July 4, 2025

पुलिस हिरासत में खूबसूरत लड़कियों की तलाशी


मकनपुर पुलिस स्टेशन में संदीप पुलिस इंस्पेक्टर बनकर नया नया आया था। पहले से ही इस पुलिस स्टेशन में राजेश और विजय इंस्पेक्टर के तौर पर पिछले 3 सालों से काम कर रहे थे। क्योंकि इस पुलिस स्टेशन पर साइबर क्राइम और सोशल मीडिया से जुड़े अपराधों की जांच की जाती थी, इसलिए यहाँ पर वही लोग इंस्पेक्टर बनाकर भेजे जाते थे जिन्हें साइबर अपराधों और सोशल मीडिया से जुड़े अपराधों की जाँच पड़ताल की ट्रेनिंग पुलिस विभाग द्वारा दी गई थी।


तीनों इंस्पेक्टर्स के अलावा पुलिस स्टेशन में एक चपरासी रोहन था और एक सिपाही प्रदीप था। रोहन और प्रदीप का यही काम था कि वे तीनों इंस्पेक्टर्स संदीप, राजेश और विजय की मदद करें। 

शहर के दूसरे थानों में साइबर क्राइम और सोशल मीडिया से जुड़े अपराधों के जितने भी मामले आते थे, वे सभी मामले मकनपुर पुलिस स्टेशन को भेज दिए जाते थे क्योंकि यहाँ पर इस तरह के अपराधों की जाँच करने वाले एक्सपर्ट इंस्पेक्टर संदीप, राजेश और विजय मौजूद थे।
एक दिन सुबह सुबह संदीप, राजेश और विजय तीनों ही रोहन और प्रदीप से यह कहकर निकल गए कि उन्हें किसी बड़ी रेड करने के लिए पास के शहर में जाना है और उन्हें वापस आते आते शाम को देर भी हो सकती है। 

संदीप ने रोहन और प्रदीप दोनों  से कहा : हम लोगों की गैर मौजूदगी में अगर कोई मामला आए तो संभाल लेना। जाँच के लिए जिस किसी को भी लाया जाए उसे लॉक अप में बंद करके रखना। हम लोग वापस आकर लॉक अप में बंद लोगों से पूछताछ करेंगे।

रोहन : जी सर। आप चिंता न करें। हम लोग सब ठीक से संभाल लेंगे।

तीनों इंस्पेक्टर पास के शहर में  रेड मारने चले गए। रोहन और प्रदीप दोनों ही वैसे तो लाए गए आरोपियों से पूछताछ और जाँच पड़ताल नही करते थे, लेकिन इंस्पेक्टर्स की गैर मौजूदगी में उन्हें यह काम भी करना पड़ता था जिसका यह दोनों बेसब्री से इंतज़ार करते रहते थे। आज इन दोनों की यह हसरत पूरी होने जा रही थी।

कुछ ही देर में नज़दीकी पुलिस स्टेशन वैशाली की गाड़ी आकर वहाँ रुकी। पुलिस जीप में से 2 खूबसूरत लड़कियाँ उतर कर बाहर निकलीं । उन दोनों लड़कियों को जो कांस्टेबल छोड़ने आया था उसने उन दोनों लड़कियों की फ़ाइल रोहन को देते हुए कहा: इन फाइलों में इन लड़कियों की पूरी जानकारी है। इन दोनों पर यह आरोप है कि यह सोशल मीडिया पर अश्लीलता फैलाती हैं।

यह कहकर वैशाली पुलिस स्टेशन का सिपाही और गाड़ी वापस चली गयी और रोहन के सामने दो खूबसूरत और सेक्सी लड़कियाँ खड़ी हुई थीं जिनके हाथों पीछे की तरफ रस्सी से बंधे हुए थे। 

रोहन चपरासी था और प्रदीप एक मामूली सा कांस्टेबल। लेकिन इंस्पेक्टर की गैर मौजूदगी में दोनों अपने आप को बड़ा अफसर समझकर लड़कियों को हड़काने का मन बना चुके थे।

दोनों सोफे पर एक एक लड़की की फ़ाइल लेकर बैठ गए और उसे खोलकर पढ़ने का नाटक करते हुए लड़कियों से रौबीली आवाज़ में बोले: इधर आकर खड़ी हो जाओ और हमारे सवालों का ठीक ठीक जबाब दो।

रोहन के सामने जो लड़की खड़ी थी उसने लाल रंग की शार्ट आउट टाइट ड्रेस  पहनी हुई थी। इन छोटे कपड़ों में वह बेहद सेक्सी लग रही थी। 

आज मौके का फायदा उठाकर रोहन ने भी पुलिस की खाकी वर्दी पहने रखी थी और अपने हाथ मे वह बेंत भी लिए बैठा था।

रोहन का लण्ड उसकी पैंट के अंदर एकदम कड़क हो चुका था। उसने लड़की से पूछा: क्या नाम है तेरा ?

लड़की ( घबराते हुए) : जी सर, हिमानी

रोहन : इधर आकर मेरी गोद मे बैठ जा। तुझसे गोद मे बिठाकर पूछताछ करने में ही मज़ा आने वाला है।

हिमानी आगे बढ़ी और रोहन की गोद में बैठ गई। रोहन ने अपनी दोनों टाँगों को फैलाते हुए हिमानी के नितम्बों को अपने खड़े लण्ड पर टिका दिया और अपने दोनों हाथ उसने हिमानी के सीने की गोलाइयों पर टिका दिए। हिमानी के बंधे हाथ रोहन ने खोल दिये। हिमानी के बदन से खिलवाड़ करते हुए रोहन ने उसके होंठों को जी भरकर चूमते हुए पूछा : तुझे किस अपराध के लिए यहॉं पकड़कर लाया गया है चिकनी ?

हिमानी : सर मेरा वीडियो इंस्टाग्राम पर वायरल हो गया था उसमें मैंने काफी कम कपड़े पहनकर डांस किया था। 

रोहन : चल फिर अपने कपड़े उतार और मुझे भी अपना वह सेक्सी डांस करके दिखा।

रोहन ने उसे अपनी गोद से उतार दिया और बोला: चल जल्दी कर। कपड़े उतार और शुरू हो जा।

हिमानी ने अपने कपड़े खोल दिये लेकिन अभी भी उसके बदन पर ब्रा और पैंटी बची हुई थी।

रोहन ने अपने हाथ मे पकड़े बेंत को उसकी पैंटी के ऊपर घुमाते हुए कहा: इसे भी खोल और ब्रा भी खोल दे। पूरी तरह नंगी हो जा। मुझे यह देखना है कि तू नंगी होकर नाचते हुए कितनी हसीन लगेगी। 

हिमानी ब्रा और पैंटी उतारने में आनाकानी करने लगी तो रोहन ने उसकी चिकनी जांघों पर दो बेंत जड़ते हुए उसे हड़काया: मेरे हुक्म की एक बार मे ही तामील होनी चाहिए। वरना मैं तेरे नितम्बों पर इस बेंत से 50 स्ट्रोक लगाऊंगा।

बेबस हिमानी ने ब्रा और पैंटी भी खोल दी और पूरी तरह निर्वस्त्र होकर रोहन की तरफ देखने लगी।

रोहन अपने खड़े लण्ड पर हाथ फिराते हुए हिमानी से बोला: उसी गाने पर डांस कर जिस पर तूने इंस्टाग्राम पर किया था।

रोहन ने वही गाना अपने मोबाइल पर चला दिया और बोला: चल नाच !  

हिमानी "छू ले छू ले तू आके मुझे छू ले" पर थिरक थिरक कर सेक्सी डांस करने लगी और रोहन उसका डांस देखते हुए अपना लण्ड सहलाने लगा।

डांस खत्म होते होते रोहन बेकाबू हो चुका था। उसने अपना लन्ड पैंट से बाहर निकाल लिया और हिमानी से बोला: अब मेरे इस लण्ड को अपने होठों से छू ले।

हिमानी रोहन की टाँगों के बीच घुटनों के बल बैठकर उसके लण्ड को अपने मुंह मे लेकर उस पर अपनी जीभ फिराने लगी।
पुलिस की वर्दी पहने चपरासी रोहन हिमानी के मुख मैथुन का भरपूर आनंद ले रहा था।

उधर कांस्टेबल प्रदीप दूसरी लड़की को लेकर लॉक अप में आ गया था और उससे वहीं पूछताछ कर रहा था। दूसरी लड़की ने बेहद टाइट काले रंग की शार्ट ड्रेस पहन रखी थी।

प्रदीप ने लड़की के मम्मे दबाते हुए पूछा: क्या नाम है तेरा?
लड़की के बंधे हुए हाथ प्रदीप ने खोल दिये थे ।

लड़की : जी सर। मेरा नाम रवीना है।

प्रदीप : तुझे किस अपराध के लिए पकड़कर यहॉं लाया गया है?

लड़की : सर मेरी नंगी वीडियो इंस्टाग्राम पर वायरल हो गयी थी। उसके लिए मुझे बुक किया गया है।

प्रदीप ने ड्रेस के ऊपर से ही रवीना के बदन को जी भरकर दबाया सहलाया और जी भरकर चूमा चाटी की।

इसके बाद प्रदीप को पोर्न फिल्म का एक सीन याद आ गया और सोचने लगा कि आज मौका है कि उस फिल्मी सीन को हकीकत में बदल दिया जाए।

रवीना को पकड़कर वह लॉक अप रूम में आ गया और रवीना से बोला: चल अपनी ड्रेस खोलकर नंगी हो जा। लड़कियों से कपड़े उतारकर पूछताछ करने में ही मज़ा आता है।

रवीना कपड़े खोलकर नंगी हो गयी। प्रदीप ने रवीना को एक बेंच पर लिटाया और उसके दोनों हाथों और दोनों पैरों को बांध दिया। इसके बाद उसने बेंच पर एक ऐसा बटन दबाया जिससे रवीना कमरे की छत में लगे एक कुंडे पर इस तरह लटक गई जिससे उसके पैर छत की ऊपर लगे कुंडे में फंस गए और उसका चेहरा नीचे लटकने लगा। यह लॉक अप रूम में इस्तेमाल की जाने वाली Upside Down पोजीशन होती है। आरोपियों को पुलिस अफसर इस पोजीशन में लटकाकर ही पूछताछ करते हैं।लड़कियों से भी इसी पोजीशन में पूछताछ करना पुलिस अफसरों को बहुत पसंद है। 

रवीना का निर्वस्त्र खूबसूरत जिस्म उल्टा लटका हुआ था। प्रदीप को पता था कि वह क्या करने जा रहा था। प्रदीप ने रवीना के खूबसूरत चेहरे को अपने दोनों हाथों से पकडकर उसे अपनी पैंट में बन रहे उभार पर रगड़ना शुरू कर दिया। इसके बाद उसने अपनी पैंट की ज़िप खोलकर अपना लण्ड बाहर निकाला और रवीना के दोनों गालों पर चपत मारते हुए बोला: मुंह खोल और इसे अपने मुंह मे लेकर चूस।

रवीना एकदम बेबस थी। उसने प्रदीप का लण्ड अपने मुंह मे लेकर उसे अपनी जीभ से चाटना सहलाना शुरू कर दिया। प्रदीप ने जी भरकर रवीना के साथ मुख मैथुन का मज़ा लिया।

रवीना के मुंह मे प्रदीप ने अपने वीर्य रस की मोटी धार छोड़ते हुए उसे हुक्म दिया: इसे मेरा प्रसाद समझकर पूरा पी ले और इसकी एक बूंद भी ज़मीन पर गिरनी नही चाहिए। 

प्रदीप रवीना से अपना लंड चटवा ही रहा था कि उसी वक्त रोहन भी हिमानी को वहीं लॉक अप में लेकर आ गया। हिमानी भी पूरी तरह निर्वस्त्र थी। 

रोहन प्रदीप की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए बोला: यह आईडिया तो बहुत बढ़िया है। लौंडिया को उल्टा करके लटका दो और उसके मुंह मे अपना लन्ड डालकर उसके साथ मुख मैथुन करो। यह तो अब तक अंग्रेजी पोर्न फिल्मों में ही देखा था। आज लाइव भी देख लिया।

प्रदीप हँसता हुआ रोहन से बोला: तू भी इस लौंडिया के मुंह मे अपना लण्ड डालकर इसके साथ मजे ले ले। तब तक मैं इस हिमानी को भी उल्टा लटकाकर इसके मुंह मे अपना लण्ड डालकर इसके साथ मुख मैथुन करता हूँ।

प्रदीप कुर्सी से उठा तो रोहन कुर्सी पर बैठ गया और उसने अपनी गोद मे रवीना के लटक रहे चेहरे को पहले तो खूब दबाया सहलाया फिर उसके गालों पर चपत मारते हुए बोला: चल अब मुंह खोल और मेरा भी लण्ड चूसकर दिखा।

निर्वस्त्र हिमानी को भी प्रदीप ने उल्टा लटका दिया और उसके साथ पहले उसने और बाद में रोहन ने मुख मैथुन किया। 

मुख मैथुन का मज़ा लेने के बाद भी वे दोनों हिमानी और रवीना के उल्टे लटके हुए बदन को जी भरकर दबा और सहला कर जी भरकर उनके नंगे बदन पर चूमा चाटी कर रहे थे। रवीना की चिकनी जांघों पर हाथ फिराते हुए रोहन मुस्कराकर प्रदीप से बोला: साली की क्या जांघें है। ऐसा लग रहा है मानों मक्खन के ढेर में हाथ डाल दिया हो।

उधर प्रदीप हिमानी की जांघों को दबाते सहलाते हुए कह रहा था: यार यह लौंडिया भी एकदम चकाचक माल है। इन दोनों को देख देखकर ही मेरा लण्ड बार बार खड़ा हो जा रहा है।

रोहन : मेरा भी यही हाल है भाई।

यह सब करते कराते शाम के 5 बजे का समय हो गया था। कुछ समय बाद ही पुलिस स्टेशन के बाहर गाड़ी आकर रुकी। इंस्पेक्टर संदीप, राजेश और विजय रेड मारकर वापस आ गए थे। उनके साथ 3 लड़कियाँ भी थीं जिनके हाथ हथकडी से बंधे हुए थे।

रोहन और प्रदीप समझ गए कि यह तीनों खूबसूरत लड़कियाँ रेड के दौरान अरेस्ट की गई हैं और आज शायद इन तीनों के साथ भी मौज़ मस्ती करने का मौका मिलेगा। 

इंस्पेक्टर राजेश ने रोहन और प्रदीप की तरफ देखकर कहा: इन तीनों को लॉक अप रूम में ले जाकर इनकी तलाशी वगैरा ले लो। 

रोहन और प्रदीप के लंड उनकी पैंट के अंदर एकदम खड़े हो चुके थे। तीनों लौंडियाँ बेहद खूबसूरत और हॉट थीं। उन सब ने टी शर्ट और निक्कर पहना हुआ था और उनकी सेक्सी फिगर एकदम साफ दिख रही थी।

रोहन ने इंस्पेक्टर को बताया: सर अंदर लॉक अप रूम में दो लड़कियां पहले से ही मौजूद हैं। उनकी फ़ाइल वैशाली पुलिस स्टेशन से भेजी गई है।

तीनों इंस्पेक्टर्स समझ गए कि दोनों लड़कियों को प्रदीप और रोहन ने आज खूब जी भरकर पेला होगा।

प्रदीप : सर आप सब काफी थक गए होंगे।  आप लॉक अप रूम में जाकर थोड़ी मौज़ मस्ती भी कर सकते हैं। तब तक हम दोनों इन तीनों लड़कियों की तलाशी का काम निपटा लेते हैं।


"लड़कियों की तलाशी" का मतलब पुलिस की भाषा मे "मौज़ मस्ती" करने से ज्यादा और कुछ नही था। तीनों इंस्पेक्टर खुद तो इन लड़कियों के साथ पूरे रास्ते मज़े लेते हुए आये थे और वे यह चाहते थे कि कुछ मौज़ मस्ती रोहन और प्रदीप भी कर लें। लेकिन उन्हें यह नही पता था कि रोहन और प्रदीप ने तो आज दिन भर दो सेक्सी लड़कियों के साथ जी भरकर मौज़ मस्ती की है।

तीनों इंस्पेक्टर्स लॉक अप रूम में पहुंचे तो दोनों लड़कियों को निर्वस्त्र अवस्था मे उल्टा लटका देखकर खुशी से पागल हो उठे: यह आईडिया तो बड़ा जबरदस्त है। तुम दोनों को यह आईडिया कहाँ से मिला कि लड़कियों को लॉक अप में ऐसे लटका कर भी पूछताछ की जा सकती है?

रोहन : सर यह आईडिया प्रदीप का है। इसने किसी इंग्लिश फ़िल्म में ऐसा सीन देख रखा है। 

संदीप : ऐसा करो तुम लोग इन तीनों लौंडियों की तलाशी लेने के बाद इन तीनों को भी इसी पोजीशन में उल्टा लटका दो।

विजय और राजेश ने उल्टी लटकी हिमानी और रवीना के बदन पर हाथ फिराना शुरू कर दिया।

रोहन विजय और राजेश की तरफ देखकर कहने लगा: सर आप कुर्सी पर रिलैक्स होकर बैठ जाइये। इन लड़कियों का चेहरा आपकी गोद मे आकर टिक जाएगा। फिर आप जो चाहें कर सकते हैं।

राजेश और विजय के लिए इशारा ही काफी था। उन दोनों ने कुर्सी पर बैठते हुए प्रदीप से कहा: तब तक तुम इन तीन लड़कियों में से किसी एक को इसी तरह उल्टा लटका दो। संदीप उस लौंडिया के साथ मौज़ कर लेगा।

संदीप के फोन की घण्टी उसी समय बजने लगी और वह यह कहकर अपने कमरे में चला गया: कमिश्नर साहब का फोन है। वह इसी केस के बारे में बात करेंगे। मुझे आधा घण्टा लग जायेगा। तब तक तुम लोग अपना काम निपटा लो।


संदीप कमिश्नर से बात करने चला गया। राजेश और विजय हिमानी और रवीना के चेहरे को अपनी पैंट के खड़े लण्ड पर टिकाए हुए उन दोनों के गालों पर हल्की हल्की चपत लगाते हुए उनके साथ मुख मैथुन कर रहे थे।

प्रदीप और रोहन की लाटरी लग चुकी थी। 

हथकडी में जकड़ी तीनों लड़कियों को लेकर वे दोनों एक खाली कमरे में लेकर आ गए और उन्हें दीवार से सटाकर खड़ा करके उनसे पूछताछ करने लगे।

एक लड़की को रोहन ने पकड़कर उसके बदन को दबाते सहलाते हुए पूछा: क्या नाम है तेरा?

लड़की बोली: सर मेरा नाम महिमा है।

उधर दूसरी लड़की के खूबसूरत बदन को प्रदीप ने मसलना शुरू कर दिया और उससे पूछने लगा: क्या नाम है तेरा लौंडिया?

लड़की बोली : जी मेरा नाम कनिका है।

तीसरी लड़की बीच मे सहमी सी खड़ी हुई थी। अभी उसकी तलाशी का नम्बर नही आया था लेकिन रोहन ने उसकी तरफ देखकर रौबीली आवाज़ में उससे पूछा: तेरा क्या नाम है चिकनी?

लड़की ; सर मेरा नाम गरिमा है।

रोहन गरिमा से कहने लगा: जब तक मैं महिमा की तलाशी ले रहा हूँ, तू मेरी टाँगों के नीचे आकर घुटनों के बल बैठ जा और मुझे खुश कर।

गरिमा समझ गयी थी कि रोहन क्या चाहता था।

गरिमा रोहन के सामने आकर घुटनों के बल बैठकर उसके लण्ड को निकालकर अपने मुंह मे लेकर उसे अपनी जीभ से चाटने सहलाने लगी। रोहन तलाशी लेने के बहाने महिमा के बदन को दबाते सहलाते हुए उसके साथ जी भरकर चूमा चाटी कर रहा था। उधर प्रदीप भी कनिका की इसी तरह तलाशी ले रहा था।


प्रदीप ने तलाशी लेते लेते कनिका को बिल्कुल नंगा कर दिया और उसके पूरे बदन पर अपने चेहरे को रगड़ते हुए चूमा चाटी करने लगा। कनिका की केले जैसी चिकनी जांघों पर उसने काफी समय तक अपने हाथों को फिराया। 

प्रदीप बेकाबू होने लगा तो उसने कनिका को हुक्म दिया: नीचे घुटनों के बल बैठ और मेरा लण्ड अपने मुंह मे लेकर चूस।

कनिका नीचे नही बैठी तो प्रदीप ने उसके गालों पर जोर का एक थप्पड़ लगाते हुए कहा: नीचे बैठ जल्दी और जो कहा गया है वह कर। मेरे पास टाइम कम है।

कनिका मजबूरन बेबस होकर ज़मीन पर बैठ गई और प्रदीप का लण्ड निकालकर उसे अपने मुंह मे लेकर चूसने लगी।

उधर गरिमा रोहन का लण्ड चूसकर उसका वीर्य रस पी चुकी थी और उसका लण्ड अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ कर रही थी।

प्रदीप ने रोहन से कहा: भाई इस लौंडिया को अंदर लॉक अप रूम में उल्टा लटकाकर वापस आ जा। संदीप साहब फ्री होकर इसके साथ मौज़ मस्ती करेंगे।

रोहन गरिमा को पकड़कर लॉक अप में ले गया और उसे उल्टा करके लटका दिया ताकि संदीप जब फ्री होकर लॉक अप रूम में आये तो अपना लन्ड उल्टी लटक रही गरिमा के मुंह में डालकर उसके साथ मुख मैथुन कर सके।

रोहन गरिमा को लटकाकर जैसे ही लॉक अप रूम से बाहर निकला, उसने संदीप को लॉक अप रूम में जाते हुए देखा। वह संदीप से बोला: साहब मैंने गरिमा को नंगा करके उल्टा लटका दिया है। आप उसके साथ वैसे ही मौज़ मस्ती कर सकते हैं, जैसे विजय और राजेश साहब दूसरी लड़कियों के साथ कर रहे हैं।

इस समय लॉक अप रूम में हिमानी, रवीना और गरिमा तीनों ही निर्वस्त्र अवस्था मे उल्टी होकर लटकी हुई थीं। संदीप, राजेश और विजय बारी बारी से तीनों लौंडियों को जी भरकर पेल रहे थे।
इधर बाहर दफ्तर में प्रदीप और रोहन कनिका और महिमा की तलाशी लेने के बहाने उन्हें पूरी तरह निर्वस्त्र कर चुके थे और बारी बारी से दोनों लड़कियाँ प्रदीप और रोहन का लण्ड भी चूस चुकी थीं।

प्रदीप और रोहन अब रिलैक्स होकर सोफे पर अपने पैर फैलाकर बैठ गए और कनिका और महिमा की तरफ देखते हुए बोले: अब तुम लोग अपने अपने कान पकड़ो और गिनती करते हुए 100 उठक बैठक लगाओ।



रोहन, प्रदीप, संदीप,विजय और राजेश पांचों लड़कियों के साथ मौज़ मस्ती कर ही रहे थे, कि अचानक संदीप के फोन की घण्टी बज उठी।

संदीप ने फोन उठाया: जी सर। जी हम सब पुलिस स्टेशन में ही हैं। जी सर आपका वेलकम करके हम सबको बहुत खुशी होगी।

संदीप ने फोन बंद करते हुए बाकी सब से कहा: कमिश्नर साहब यहाँ 10 मिनट के अंदर इंस्पेक्शन के लिए आ रहे हैं। हम सब को उनके स्वागत की तैयारी में लग जाना चाहिये।

सब लोग मौज़ मस्ती भूलकर सीरियस हो गए और सभी लड़कियों को भी कपड़े पहनाकर उनके हाथों में हथकड़ियाँ लगाकर लॉक अप रूम में बंद कर दिया।

संदीप इस पुलिस स्टेशन में नया नया था। वह घबराकर बोला: इंस्पेक्शन में कमिश्नर साहब क्या क्या देखेंगे ?

राजेश और विजय हंसकर बोले: अरे यह अपना कमिश्नर शुक्ला अब 55 साल का हो चुका है। इसकी वाइफ है नही और न ही कुछ करने लायक है। यह हमारे पुलिस स्टेशन सिर्फ इसलिए आता है क्योंकि हमारे यहॉं इसे हमेशा अपनी ठरक पूरी करने के लिए "ताज़ा माल" मिल जाता है।

रोहन और प्रदीप भी राजेश और विजय की बात सुनकर हंसने लगे और बोले: आप आज खुद अपनी आंखों से देखना कि कमिश्नर साहब कैसे इंस्पेक्शन करते हैं।

यह सब बातचीत चल ही रही थी कि कमिश्नर की गाड़ी पुलिस स्टेशन से बाहर आकर रुक गई। कमिश्नर साहब जल्दी से अंदर आये और इंस्पेक्टर्स की तरफ देखकर बोले: आज कितनी लड़कियाँ लॉक अप में बंद हैं?

इंस्पेक्टर संदीप : जी सर 5 लड़कियाँ बंद हैं

कमिश्नर ने रोहन चपरासी से कहा: इन पांचों लड़कियों की फाइल लेकर मेरे साथ लॉक अप में आओ।

रोहन समझ गया कि अब क्या होने वाला है। वह फाइलें लेकर कमिश्नर के साथ लॉक अप में आ गया। बाकी सभी चारों लोग पुलिस स्टेशन में बाहर ही बैठे रहे।

लॉक अप में पांचों लड़कियाँ सहमी सी खड़ी हुई थी और उनके हाथों में हथकड़ियाँ बंधी हुई थीं।

पांचों लड़कियाँ एक से बढक़र एक बला की खूबसूरत औऱ सेक्सी थीं और कमिश्नर का लण्ड उसकी पैंट में तनकर खड़ा हो गया था।

कनिका, हिमानी,गरिमा,रवीना और महिमा लाइन से खड़ी थीं।

रोहन ने कड़क आवाज़ में पांचों लड़कियों की तरफ देखकर कहा: यह कमिश्नर साहब हैं। पुलिस विभाग में सबसे बड़े अफसर यही हैं। अब तुम लोगों को वही सब करना होगा जो यह कहेंगे।

कमिश्नर सबसे पहले कनिका के पास जाकर खड़ा हो गया और उसके नरम रसीले होंठों पर अपनी उंगली फिराते हुए उससे पूछने लगा: क्या नाम है तेरा?

कनिका का चेहरा शर्म और ज़लालत से एकदम लाल हो गया था। वह सर झुकाए हुए बोली: जी सर कनिका।

कमिश्नर ने इसी तरह सभी लड़कियों के साथ छेड़खानी करते हुए उनसे पूछताछ की। आखिर में वह जब महिमा के पास पहुंचा और उसके गालों पर हाथ फिराते हुए उसका नाम पूछने लगा तो महिमा एकदम भड़क उठी: आप लोग अपनी वर्दी और पावर का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। आप हम सब लड़कियों की पिता की उम्र के हैं लेकिन कितनी घिनौनी हरकतें हमारे साथ कर रहे हैं। 

कमिश्नर ने रोहन की तरफ देखा और बोला: इस लौंडिया की जुबान बहुत चल रही है। इसके हाथों को ऊपर की तरफ रस्सी से बांधकर कुंडे से लटका दो। इस चिकनी से मैं सबसे बाद में मज़े लूंगा।

यह कहकर कमिश्नर वहाँ रखी एक कुर्सी पर बैठ गया और रोहन से बोला: बाकी की चारों लड़कियों को बारी बारी से मेरे सामने लाकर घुटनों के बल बिठाओ।

रोहन पहले भी यह सब करता रहा था। उसने एक एक करके सभी लड़कियों को कमिश्नर के सामने घुटनों के बल बिठाकर उनसे कमिश्नर का लण्ड चुसवाया और चटवाया।

जब चारों लड़कियाँ कमिश्नर को पूरी तरह खुश कर चुकीं तो कमिश्नर उठकर महिमा के पास आकर खड़ा हो गया जो कुंडे से लटकी हुई थी। 

कमिश्नर बदमाशी के मूड में आ चुका था। उसने हंसते हुए महिमा की तरफ देखकर पूछा: क्यों चिकनी, अब मज़ा आ रहा है। कमिश्नर ने महिमा के सेक्सी बदन को जी भरकर दबाया सहलाया और चूमा चाटी करने के बाद बोला: अब अपना मुंह खोल।

महिमा ने मुंह नही खोला तो रोहन ने महिमा के नितम्बों पर चमड़े की बेल्ट के 3 स्ट्रोक एक साथ लगाते हुए कहा: साहब जो कहें उसे एक बार मे ही करना है।

महिमा ने मुंह खोल लिया।

रोहन: जब तक साहब कहें, तब तक अपना मुंह खोलकर रख वरना इस चमड़े की बेल्ट के और भी स्ट्रोक तेरे इस जिस्म पर लगाये जाएंगे।

महिमा अपना मुंह खोलकर खड़ी थी।

कमिश्नर अपना लण्ड सहलाते हुए महिमा के मुंह के एकदम नज़दीक आ गया और उसके खुले मुंह मे थूकते हुए बोला: इस थूक को स्वाद के साथ निगल जा। तुझे अब तेरी औकात समझ आ गई होगी।

यह सब बदमाशी चल ही रही थी कि अचानक ही पुलिस स्टेशन में अफरा तफरी सी मच गई। 

सी बी आई ने पुलिस स्टेशन पर छापा मार दिया था और तीनों इंस्पेक्टर्स और सिपाही प्रदीप को अरेस्ट कर चुके थे। सी बी आई अफसरों की टीम अब लॉक अप रूम में भी आ गई और उनमें से एक अफसर कमिश्नर की तरफ देखकर बोला: तुम्हारी बदमाशी की काफी समय से शिकायतें हमारे पास आ रही थीं। आज तुम सबको रंगे हाथों पकड़ा गया है। 

कुछ ही देर में सभी टी वी चैनलों पर यह खबर चल रही थी: मकनपुर पुलिस स्टेशन के सभी पुलिस कर्मियों समेत पुलिस कमिश्नर को सी बी आई ने गिरफ्तार करके हवालात में डाल दिया है और उन सबकी पुलिस की नौकरी तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है। सभी पर महिला कैदियों के यौन शोषण का संगीन आरोप है।

                      The End

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